
मोदी का सीधा संदेश ट्रंप के नाम (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप बार-बार लगातार एक ही झूठ दोहराए चले जा रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर या संघर्षविराम करवाया।उनकी चमचागिरी करते हुए पाकिस्तान के आर्मी चीफ असिम मुनीर ने कहा कि भारत-पाक युद्ध रुकवाने में ट्रंप की भूमिका को लेकर उन्हें नोबल शांति पुरस्कार दिया जाना चाहिए.’ हमने कहा, ‘फालतू की बकवास पर ध्यान मत दीजिए।
प्रधानमंत्री मोदी की ट्रंप के साथ 35 मिनट फोन पर बातचीत हुई जिसमें मोदी ने ट्रंप से कहा कि संघर्ष विराम भारत व पाक के बीच सैन्य चैनलों के माध्यम से बातचीत के बाद हुआ।इसके लिए पाकिस्तान ने अनुरोध किया था।भारत कभी भी किसी देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता।प्रधानमंत्री का सीधा आशय था कि मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है?’ पड़ोसी ने कहा, ‘इसके बाद भी ट्रंप अपनी आदत से बाज नहीं आएंगे और भारत-पाक युद्ध रुकवाने का श्रेय लेते रहेंगे।उन्हें झूठ बोलने और उसे बार-बार दोहराते रहने की बुरी आदत है।वह दिखाना चाहते हैं कि दुनिया के वही चौधरी हैं और उनका फैसला सभी को मानना पड़ता है.’
हमने कहा, ‘ट्रंप को मालूम होना चाहिए कि सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप अर्थात सच से बड़ा कोई तप नहीं है और झूठ से बड़ा कोई पाप नहीं है।चुनाव प्रचार अभियान के दौरान ट्रंप पर गोली चली थी जो उनका कान छूकर निकल गई थी।अब उन्हें कौए से डरना चाहिए जो अचानक चोंच मारकर घायल कर सकता है।फिल्म ‘बॉबी’ के लिए सागर निवासी विट्ठलभाई पटेल ने गीत लिखा था- झूठ बोले कौआ काटे, काले कौए से डरियो! राजेश खन्ना की फिल्म का नाम था- सच्चा-झूठा! इसका गीत था- दिल को देखो चेहरा ना देखो, चेहरे ने लाखों को लूटा, दिल सच्चा और चेहरा झूठा!’
पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज हमारे देश में सत्यवादी हरिश्चंद्र हुए थे।लोग श्रद्धापूर्वक सत्यनारायण की कथा सुनते हैं।महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा का नाम ‘सत्य के प्रयोग’ या माय एक्सपेरिमेंट विद ट्रुथ रखा था।ट्रंप को चाहिए कि उसे पढ़ें और सत्य का महत्व समझें।ट्रंप दुराग्रह कर रहे हैं लेकिन महात्मा गांधी ने सत्याग्रह कर अंग्रेजों को भारत से वापस भेज दिया था।’
लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा






