
बुधवार का रख सकते हैं व्रत (सौ.सोशल मीडिया)
Budhwar Vrat Ke Niyam :हिंदू धर्म में बुधवार का दिन शिव गौरी पुत्र भगवान गणेश जी की पूजा के लिए समर्पित है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी की विधि विधान से पूजा अर्चना करने पर घर में सुख समृद्धि आती है। ऐसी मान्यता है कि, भगवान भक्त की हर मनोकामना को पूरा करते है।
आपको बता दें, इस बार बुधवार पौष माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 10 दिसंबर को दोपहर 1 बजकर 46 मिनट तक रहेगी। इसके बाद सप्तमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस तिथि को सूर्य वृश्चिक राशि में और चंद्रमा सिंह राशि में रहेंगे।
आपको बता दें पंचांग के अनुसार, बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है और राहुकाल का समय दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। इस तिथि पर कोई विशेष पर्व नहीं है, लेकिन वार के हिसाब से आप बुधवार का व्रत रख सकते हैं।
स्कंद पुराण में बताया गया है कि अगर किसी जातक के जीवन में बुध ग्रह संबंधित दोष रहते हैं, तो वे बुधवार का व्रत रख सकते हैं इसके अलावा, इस दिन गजानन महाराज की विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से बुद्धि, ज्ञान और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
पौराणिक ग्रंथों में इस दिन व्रत रखने के नियम बताये गया है, जिसके अनुसार इस व्रत को सिर्फ 12 बुधवार करने का विधान है।
इस दिन घर में मांस-मदिरा का सेवन, झूठ बोलना, किसी का अपमान करना, बाल या दाढ़ी कटवाना और तेल मालिश करना आदि करने की मनाही होती है। इस दिन व्रत शुरू करने के लिए जातक ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
फिर, मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और पूजा स्थल में एक चौकी रखें। उस पर कपड़ा बिछाकर पूजन सामग्री रखें, फिर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) की ओर मुख करके इस आसन पर बैठें।
इसके बाद भगवान गणेश को पंचामृत (जल, दूध, दही, शहद, घी) और जल से स्नान कराने के पश्चात सिंदूर और घी का लेप लगाएं. जनेऊ और रोली के बाद कम से कम तीन दूर्वा और पीले, लाल पुष्प अर्पित करने चाहिए। साथ ही बुध देव को हरे रंग के वस्त्र और दाल भी चढ़ानी चाहिए।
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भोग में लड्डू, हलवा, या मीठी चीजों का भोग लगाने के बाद श्री गणेश और बुध देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए। फिर व्रत कथा सुनें और उनकी पूजा करें। इसके बाद श्री गणेश व बुध देव की आरती करनी चाहिए।






