
शादी में दुल्हन विदाई के समय अपने पीछे क्यों फेंकती है चावल (सौ.सोशल मीडिया)
Hindu Rituals: हिंदू धर्म में शादी हर व्यक्ति के जीवन का पवित्र संस्कार होता है। इस संस्कार में लड़का और लड़की शादी के पवित्र बंधन में बंधकर अपने जीवन के नए सफर की शुरुआत करते है। इस धर्म में शादी से जुड़ी कई परंपराएं निभाई जाती है तो वहीं पर हर परंपरा का अलग महत्व होता है। इस परंपरा में से एक है नई नवेली दुल्हन से जुड़ी परंपरा है जिसमें दुल्हन विदाई के वक्त अपने पीछे चावल फेंकती हैं। इस परंपरा के पीछे आखिर धर्म में क्या महत्व छिपा होता है चलिए जान लेते है।
हिंदू धर्म में बेटियों को सम्मान दिया जाता है उन्हें माता लक्ष्मी और अन्नपूर्णा के रूप में माना जाता है। कहते है कि, दुल्हन शादी के वक्त जब मायके से ससुराल जाती है तो विदाई के वक्त चावल फेंकने की परंपरा निभाई जाती है। यह माना जाता है कि, वह अपने मायके के लिए सुख समृद्धि और धन वैभव की कामना कर रही है। चावल फेंकने की रस्म इसी शुभकामना का हिस्सा है, जिसका मतलब कभी भी घर में धन या अन्न की कमी न हो।
यहां पर इस परंपरा में दुल्हन द्वारा चावल फेंकने का महत्व होता है जो रस्म शुभकामना का हिस्सा होता है। इसका अर्थ है कि, कभी भी घर में धन या अन्न की कमी न हो। वहीं पर धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि, यहां चावल धन, समृद्धि और शुभता से जुड़ा होता है। इस वजह से ही विदाई के समय चावल का उपयोग किया जाता है। कहते है कि, इस रस्म को मायके को खराब नजर से बचाने और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाएं रखने के लिए भी की जाती है। इस दौरान दुल्हन चावल फेंककर अपने मायके की खुशहाली और ससुराल में नई शुरुआत की कामना करती है।
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आपको इस परंपरा के अलावा एक और परंपरा के बारे में बताते चलें तो, जब किसी लड़की की विदाई होती है, तब उसे पीछे मुड़कर देखने की मनाही होती है। इसका अर्थ होता है कि, अपने मायके की खुशिया, सौभाग्य और सुख शांति अपने साथ नहीं ले जा रही है, बल्कि उसे छोड़कर जा रही है ताकि घर में खुशियां बरकरार रहे। वहीं पर ससुराल में नई खुशियां और पल की शुरुआत करने का समय होती है।






