पितृ पक्ष में किन सब्जियों नहीं खाना चाहिए (सौ.सोशल मीडिया)
Pitra Paksh 2025: अब कुछ ही दिनों में पितृ पक्ष की शुरूआत होने वाली है। सनातन धर्म में पितृ पक्ष का बड़ा महत्व होता हैं। हर साल पितृ पक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या तिथि पर खत्म हो जाता है। ज्योतिषयों के अनुसार, इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से हो रही है जो आगामी 21 सितंबर 2025 तक चलेगी।
यह वह समय होता है जब हम अपने पूर्वजों को श्रद्धा, सम्मान और कृतज्ञता के साथ याद करते हैं और मान्यता है कि इस अवधि में पितर यमलोक से धरती पर आते हैं और अपनी संतान की भक्ति-भावना से प्रसन्न होकर उन्हें सुख, समृद्धि और आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
इस दौरान पूर्वजों की मृत्यु तिथि पर श्राद्ध कर्म के अलावा ब्राह्मण को भोजन आदि कराते है, कहते है ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती हैं। इससे वह तृप्त होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, पितरों के भोजन में कुछ सब्जियों को भूलकर भी शामिल नहीं करना चाहिए। ऐसे में आइए जानते है इस बारे में-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पितरों के भोजन में कभी भी बंद पत्ता गोभी और कुम्हड़ा की सब्जी नहीं बनानी चाहिए। न ही इसे ब्राह्मण को खिलाएं क्योंकि पितर ये सब्जियां ग्रहण नहीं करते हैं और वह अतृप्त होकर लौट जाते हैं, ऐसे में परिवारजन को दोष लगता है।
कहते है, पितृ पक्ष के दौरान पत्ता गोभी यानी सीता फल के अलावा शकरकंद, मूली, गाजर, शलजम, चुकंदर, अरबी, सूरन इस तरह की सभी सब्जियों को खाने से परहेज करना चाहिए।
चने की दाल, सत्तू, मसूर और उड़द की दाल भी पितृ पक्ष में खाने को मना किया जाता है।
पितृ पक्ष के दौरान प्याज, लहसुन, अंडा, मछली और मीट आदि तामसिक भोजन का सेवन करने की मनाही होती है। इसके अलावा शराब, सिगरेट, तंबाकू उत्पाद आदि का सेवन करना भी वर्जित माना जाता है।
तामसिक भोजन के अलावा पितृ पक्ष के दौरान चने की दाल, मसूर की दाल, उड़द की दाल और सत्तू को खाने से पाप लगता है। इसके अलावा इन दाल के बीच से बनी चीजों को खाना भी वर्जित माना जाता है।
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पितृ पक्ष के दौरान दाल और सब्जियों के अलावा कुछ मसालों को खाने की भी मनाही होती है। श्राद्ध के खाने में राई, काला नमक, जीरा और सरसों के बीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे आपको पूर्वजों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।