विश्वकर्मा पूजा पर बन रहे हैं कई शुभ योग (सौ.सोशल मीडिया)
Vishwakarma Puja kb hai 2025: विश्वकर्मा जयंती हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र विश्वकर्मा भगवान के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। साल 2025 में विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को बुधवार के दिन मनाई जाएगी। इस पूजा को राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के क्षेत्रों में बहुत जोर-शोर से मनाया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इस संसार में जिस भी चीज का निर्माण हो रहा है। वो भगवान विश्वकर्मा की कृपा से ही हो रहा है। विश्वकर्मा पूजा के दिन विधिवत रूप से भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। ये पर्व खासतौर पर कारखानों में मनाया जाता है। भगवान विश्वकर्मा को इस संसार का पहला शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर माना गया है।
धार्मिक मत है कि शिल्पकार विश्वकर्मा जी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही, विश्वकर्मा जी की कृपा से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। आइए, विश्वकर्मा पूजा की सही डेट और शुभ मुहूर्त जानते हैं-
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 17 सितंबर को देर रात 12:21 बजे से आरंभ होगी। श्रद्धालु अपनी सुविधा के अनुसार स्नान-ध्यान कर भगवान विश्वकर्मा की विधि-विधान से पूजा कर सकते हैं।
इस वर्ष विश्वकर्मा जयंती पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन परिघ योग और उसके बाद शिव योग का निर्माण होगा। साथ ही शिववास योग भी बन रहा है। मान्यता है कि इन विशेष योगों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
विश्वकर्मा जयंती को आमतौर पर विश्वकर्मा पूजा भी कहा जाता है। इस दिन कामकाज में उपयोग होने वाले औजार, मशीनें और लोहे के सामानों की विशेष साफ-सफाई कर उन्हें शुद्ध किया जाता है।
स्नान के बाद एक पवित्र चौकी पर भगवान विष्णु और भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या चित्र स्थापित किए जाते है। इसके बाद मौसमी फल, मिष्ठान, पंचमेवा और पंचामृत का भोग लगाकर पूजन किया जाता है।
ये भी पढ़ें-बुधवार को है ‘करमा पूजा, जानिए कहां मनाया जाता है यह त्योहार और क्या है इसका महत्व
धूप-दीप जलाकर आरती करने के साथ ही कामकाज में प्रयुक्त होने वाले औजारों और उपकरणों पर तिलक लगाया जाता है तथा फूल अर्पित किए जाते हैं।
मान्यता है कि इस प्रकार श्रद्धा-भाव से पूजा करने पर भगवान विश्वकर्मा की कृपा प्राप्त होती है, जिससे कार्यक्षेत्र में सफलता और उन्नति के मार्ग खुलते हैं।