
उत्पन्ना एकादशी नवंबर में कब है (सौ.सोशल मीडिया)
Utpanna Ekadashi kab hai 2025: आज 6 नवंबर 2025 से मार्गशीर्ष यानी अगहन महीने की शुरुआत हो गई है। इस महीने में पड़ने वाली एकादशी यानी उत्पन्ना एकादशी व्रत भी बड़ा शुभ माना गया है। इस साल उत्पन्ना एकादशी का पावन पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा। इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ उनकी प्रिय तुलसी माता की पूजा का भी विशेष महत्व है। तुलसी को माता लक्ष्मी का ही स्वरूप माना गया है।
इसलिए उत्पन्ना एकादशी पर तुलसी से जुड़े कुछ सरल उपाय करने से श्री हरि विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है, तो आइए इससे जुड़े उपाय जानते हैं, जो इस प्रकार हैं-
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, 15 नवंबर को देर रात 12 बजकर 49 मिनट पर अगहन महीने (मार्गशीर्ष) के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 16 नवंबर को देर रात 02 बजकर 37 मिनट पर होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि मान्य है।
इसलिए 15 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी मनाई जाएगी। वहीं, इसका पारण 16 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 08 मिनट के बीच किया जाएगा।
ज्योतिषियों के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी माता को जल चढ़ाएं। उन्हें लाल रंग की चुनरी और सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी खुश होती हैं और घर में स्थायी रूप से वास करती हैं। साथ ही इस उपाय को करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।
शास्त्रों के अनुसार, एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद तुलसी के पौधे की सात बार परिक्रमा करना शुभ होता है। इसलिए इस दिन तुलसी के पौधे की परिक्रमा करना न भूलें। कहते है परिक्रमा करते समय ‘जय मां लक्ष्मी’ और ‘जय श्री हरि’ का जाप करें। इसके बाद, तुलसी के तने पर लाल कलावा बांधें। इस उपाय को करने से सभी कष्टों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
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अगर आपके घर में धन का अभाव रहता है, तो उत्पन्ना एकादशी के दिन तुलसी की मंजरी लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रखें। ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। साथ ही धन लाभ के योग बनते हैं।






