इस साल इस दिन है महालया क्या है महालया जानिए नवरात्र में मां दुर्गा के आगमन की तिथि और इसका महत्व
Mahalaya 2024: सनातन धर्म में दुर्गा पूजा का उत्सव बहुत ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। ये पर्व महालया से शुरू होता है। इस वर्ष महालया 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा। आपको बता दें, महालया खासतौर पर बंगाल में मनाई जाती है। महालया की सर्व पितृ अमावस्या के दिन मनाई जाती है।
इस दिन को महालया अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन से पितृपक्ष का समापन होता है और दुर्गा पूजा की शुरुआत होती है। दुर्गा पूजा में मां दुर्गा की विधिवत पूजा की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि नवरात्र में महालया कब मनाया जाएगा और इसका क्या धार्मिक महत्व है।
इस दिन है महालया
हर साल आश्विन माह की कृष्ण अमावस्या तिथि, जो पितृपक्ष का आखिरी दिन भी होता है, उसी दिन महालया मनाया जाता है। ऐसे में हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल पितृ पक्ष का आखिरी दिन बुधवार, 2 अक्टूबर को है। इसलिए महालया भी 2 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।
क्या होता है महालया
ज्योतिषियों के अनुसार, महालया दो शब्दों से मिलकर बना है। ये संस्कृत का शब्द है। महालया महा और आलया दो शब्दों से मिलकर बना है। महा का अर्थ होता है निवास और आलय का अर्थ देवी का स्थान है।
जिसका अर्थ हुआ देवी का महान निवास। महालया के दिन ही मां देवी शिवलोक से धरती लोक पर आती हैं। ऐसी मान्यता है कि महालया के दिन पितरों की विदाई होती है और मां दुर्गा का आगमन होता है।
शास्त्रों के अनुसार, महालया के दिन ही मां अपने परिवार से विदा लेकर धरती पर आती हैं। इसी दिन मां की मूर्ति की आंख तैयार की जाती है। इस दिन मां दुर्गा की मूर्ति पूरी हो जाती है। इस दिन बंगाल में महालया सुना जाता है। जिसमें देवी के गीत और रवीन्द्रनाथ संगीत गाया जाता है।
महालया का क्या है महत्व
महालया का पर्व बंगाल के लोगों के लिए बहुत ही खास महत्व रखता है। ये पर्व ब्रह्म मुहूर्त में सुना जाता है। महालया के दिन से ही बंगाल में दुर्गा पूजा का उत्साह देखने को मिलता है। महालया के दिन ब्रह्माण भोजन और दान आदि किए जाते हैं।
इस दिन अपने सारे पितरों का तर्पण किया जाता है। इस दिन पूर्वज का तर्पण करने से परिवार पर पितृ की कृपा हमेशा बनी रहती है। मां दुर्गा की उत्पति ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर ने राक्षस राजा महिषासुर को हराने के लिए किया था। तब से ही नवरात्रि के समय में मां दुर्गा की पूजा की जाती है।