पुरुष भी कर सकते हैं छठ व्रत,
Chhath Puja: नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। आज छठ पूजा का दूसरा दिन यानी खरना है। छठी मैया को समर्पित यह पर्व हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरु होती है और 4 दिनों तक चलता है। यह पर्व बिहार समेत देश के विभिन्न हिस्सों में चार दिनों तक बहुत ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
छठ पूजा में व्रतधारी 36 घंटो तक निर्जला व्रत करते हैं। यह व्रत संतान प्राप्ति, संतान की लंबी उम्र और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए रखी जाती है। यह व्रत जितना कठिन है उतने ही कठिन इसके नियम हैं। लेकिन बहुत कम ही लोगों को पता है कि छठ का व्रत सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी व्रत रखते हैं। तो आइए जानते हैं इस बारे में।
पुरुष भी रख सकते हैं छठ पूजा
हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक, छठ का व्रत महिलाओं के साथ पुरुष भी रख सकते हैं। जितना फल इस व्रत के प्रभाव से महिलाओं को मिलता है, उतना ही फल पुरुष के व्रत रखने पर भी मिलता है। छठ का व्रत रखने से पुरुषों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। घर परिवार में खुशहाली आती है।
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महाभारत काल में कर्ण ने रखा था छठ व्रत
इतिहासकारों के अनुसार, महाभारत काल में सूर्य पुत्र कर्ण ने भी छठ का व्रत रखा था। इससे वह शक्तिशाली बन गए थे। कर्ण हर दिन कमर तक पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य की पूजा करते थे और उन्हें अर्घ्य देते थे।
इसके बाद कर्ण जरूरतमंद को दान भी देते थे। छठ व्रत रखने वालों का ध्यान रखना चाहिए कि व्रत के बाद प्रसाद का वितरण सबको करना चाहिए। इसके अलावा, जरूरतमंदों को दान करना शुभ माना जाता है।
छठ पूजा व्रत के नियम
1.शास्त्रों के अनुसार, 4 दिनों की छठ पूजा का व्रत रखने वाले व्यक्ति को पलंग या तखत पर सोने की मनाही होती है। वह जमीन पर चटाई बिछाकर सो सकता है तथा कंबल आदि का प्रयोग कर सकता है।
2. व्रती को चारों दिन नए और साफ वस्त्र पहनना होता है। इसमें भी इस बात का ध्यान दिया जाता है कि वे वस्त्र सिले न हों। महिलाएं साड़ी और पुरुष धोती पहनते हैं। हालांकि आजकल लोग कोई भी वस्त्र पहन लेते हैं।
3. व्रत रखने वाले शख्स को मांस, मदिरा, झूठी बातें, काम, क्रोध, लोभ, धूम्रपान आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
4. आप छठ पूजा का व्रत रखते हैं तो परिवार के सभी सदस्य को तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए। इन चार दिनों में सात्विक भोजन ही करें।
5. छठ पूजा के व्रत में बांस के सूप का प्रयोग होता है। सूर्य देव की जब संध्या तथा प्रात:काल की पूजा होती है, तो उस समय सूप में ही पूजन सामग्री रखकर उनको अर्पित किया जाता है।
6. छठ पूजा में छठी मैया तथा भगवान भास्कर को ठेकुआ तथा कसार (चावल के आटे के लड्डू) का भोग लगाना चाहिए।
7. छठी मैया की पूजा का व्रत साफ-सफाई का है। पहले दिन घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई की जाती है। घाटों की भी सफाई की जाती है।
8. छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए गन्ने का प्रयोग अवश्य करें। इसमें पत्ते वाले गन्ने का उपयोग किया जाता है।
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