Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • हेल्थ
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
In Trends:
  • बिहार चुनाव 2025 |
  • Ind vs Aus |
  • देवउठनी एकादशी |
  • आज का मौसम |
  • महिला वर्ल्ड कप |
  • आज का राशिफल |
  • बिग बॉस 19
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

जितिया व्रत में तरोई के पत्तों का महत्व जानिए, किन बातों का है प्रतीक

Jitiya: कहा जाता है कि तरोई के पत्ते भगवान सूर्य और मातृशक्ति को प्रिय हैं, और इनका उपयोग करने से पूजा अधिक फलदायी होती है। इसी कारण, जितिया व्रत की पूजा तरोई के पत्तों के बिना अधूरी मानी जाती है।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Sep 13, 2025 | 09:36 PM

क्यों जरूरी होता है जितिया व्रत तरोई के पत्ते (सौ.सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत हिन्दू धर्म में सबसे कठिन व्रतों में एक माना जाता है। बच्चों के सुख-समृद्धि और लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला जितिया व्रत कल यानी 14 सितंबर 2025 को रखा जाएगा।

आपको बता दें, जितिया व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहा जाता हैं। यह व्रत मुख्यतः बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

हिन्दू धर्म के इस कठिन व्रत में महिलाएं 24 घंटे से भी अधिक समय तक निर्जला उपवास करती हैं। उपवास और पूजा के साथ, इस व्रत की कुछ खास परंपराएं भी हैं, जिनमें तरोई के पत्तों का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं जितिया व्रत में तरोई के पत्तों का उपयोग क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है।

क्यों जरूरी होता है जितिया व्रत में तरोई के पत्तों का उपयोग

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, जितिया व्रत में तरोई के पत्तों का इस्तेमाल कई कारणों से खास है। सबसे पहले, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन पत्तों को बेहद पवित्र और शुद्ध माना जाता है।

पूजा के दौरान देवी-देवताओं को प्रसाद और भोग इन्हीं पत्तों पर रखकर अर्पित किया जाता है। इसके अलावा, व्रत से जुड़ी अन्य सामग्रियों को भी इन पत्तों पर सजाया जाता है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और इसे व्रत के नियमों का एक अनिवार्य हिस्सा माना जाता है।

प्रकृति से जुड़ाव का संदेश

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जितिया व्रत सिर्फ धार्मिक आस्था का पर्व नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और पर्यावरण से जुड़ाव का भी संदेश देता है। ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां यह व्रत विशेष रूप से प्रचलित है, तरोई के पत्तों का उपयोग प्रकृति के संरक्षण और उसकी देन के प्रति आभार प्रकट करने का एक प्रतीकात्मक तरीका है।

यह परंपरा हमें सिखाती है कि हम अपनी पूजा और जीवन में प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान करें। इस तरह, यह व्रत आस्था, परंपरा और पर्यावरण के बीच एक गहरा संबंध स्थापित करता है, जो इसे और भी खास बनाता है।

पवित्रता और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक

आपको बता दें, आस्था से जुड़े लोग ये मानते हैं कि तरोई के पत्तों पर रखी गई कोई भी सामग्री यानी चीज न केवल शुद्ध बनी रहती है, बल्कि उसमें दिव्य ऊर्जा भी समाहित हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि इन पत्तों में मौजूद प्राकृतिक गुण पूजा की पवित्रता को और बढ़ा देते हैं।

ये भी पढ़ें-किन महिलाओं जितिया व्रत करने से करना चाहिए परहेज़, वजह भी जानिए  

यह भी कहा जाता है कि तरोई के पत्ते भगवान सूर्य और मातृशक्ति को प्रिय हैं, और इनका उपयोग करने से पूजा अधिक फलदायी होती है। इसी कारण, जितिया व्रत की पूजा तरोई के पत्तों के बिना अधूरी मानी जाती है।

 

Know the importance of gourd leaves in jitiya fast what do they symbolize

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Sep 13, 2025 | 09:36 PM

Topics:  

  • Jivitputrika Vrat
  • Lord Shiva
  • Religion

सम्बंधित ख़बरें

1

नवंबर में दो दिन प्रदोष व्रत, पहला ‘सोम प्रदोष’, और दूसरा 17 तारीख को, जानिए दोनों का शुभ मुहूर्त

2

आज है खाटू श्याम जी की जयंती, जानिए क्यों कहलाते हैं वो ‘हारे का सहारा’, श्रीकृष्ण से क्या है संबंध

3

आज है देवउठनी एकादशी, यहां जानिए पूजन विधि से लेकर शुभ मुहूर्त तक सबकुछ

4

आज का राशिफल- 01 नवम्बर 2025: देवउठनी एकादशी पर इन 3 राशि वाले व्यापार में पाएंगे लाभ

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.