क्या रहेगा करवा चौथ 2025 सरगी का समय (सौ.सोशल मीडिया)
Karwa Chauth Vrat 2025 Sargi: कल 10 अक्टूबर 2025 को पूरे देशभर में सुहागिन महिलाओं का पसंदीदा त्योहार करवा चौथ मनाया जाएगा। इस त्योहार की तैयारियां महिलाएं लगभग कर चुकी होंगी। जैसा कि आप पूरी तरह अवगत है कि,यह त्योहार हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सुहागिन महिलाओं द्वारा सच्ची निष्ठा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
शास्त्रों के मुताबिक, करवा चौथ का व्रत रखने से व्रती को पुण्य प्रताप से हर कामना पूरी होती है और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता हैं। बता दें कि करवा चौथ का व्रत सुबह सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक रखा जाता हैं।
व्रत की शुरुआत सरगी खाकर होती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है सरगी, कैसे और कब करें सरगी। यहां जानिए सरगी से जुड़ी संपूर्ण जानकारी
सरगी करवा चौथ व्रत की सबसे पहली और महत्वपूर्ण विधि है। यह सुबह सूर्योदय से पहले खाया जाने वाला विशेष भोजन होता है, जो सास अपनी बहू को देती व्रती सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि करती है और फिर सरगी करके व्रत का संकल्प लेती हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, करवा चौथ की सरगी हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में ही करना शुभ होता हैं। ऐसे में करवा चौथ के दिन यानी 10 अक्तूबर को ब्रह्म मुहूर्त सुबह लगभग 4 बजकर 35 मिनट से 5 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। व्रती महिला इस समय में सरगी खा सकती है।
करवा चौथ में दिनभर निर्जला व्रत रखा जाता है। ऐसे में सरगी करने से शक्ति, स्वास्थ्य और सहनशक्ति प्राप्त होती है।
सरगी को मातृस्नेह और सास-बहू के प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है। इसमें सास अपनी बहू को वो सारी चीजें देती हैं, जोकि सुहाग से जुड़ी होती है और खाने-पीने वाली चीजों से पूरे दिन ऊर्जा मिलती है।
सरगी ऐसी परंपरा है जोकि पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलती आई है। सरगी देना शुभ और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
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सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर सास द्वारा दी गई सरगी को थाल में सजाएं। शिव, पार्वती और चंद्रदेव का स्मरण करें। सरगी ग्रहण करने से पहले व्रत का संकल्प लेते हुए कहें- “मैं अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हूं। ”सरगी करते समय अपना मन शांत रखें और वाद-विवाद न करें। सरगी करने के बाद जब तक चंद्रोदय न हो तब तक निर्जला व्रत रखें।