कामदा एकादशी (सौ.सोशल मीडिया)
Kamada Ekadashi 2025: सनातन धर्म में कामदा एकादशी का खास महत्व है। एकादशी की तिथि जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है। चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष में कामदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस बार यह एकादशी 8 अप्रैल, मंगलवार के दिन रखा जाएगा।
इस दिन विधि-विधान से भगवान श्री हरि विष्णु का पूजन और व्रत किया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से व्यक्ति सारे दुखों से मुक्त हो जाता है और घर-परिवार में सुख और ऐश्वर्य बढ़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि अप्रैल में कामदा एकादशी कब है। इसका शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और नियम क्या हैं-
कब है कामदा एकादशी
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 7 अप्रैल की शाम 4 बजकर 30 मिनट पर शुरू हो जाएगी और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 8 अप्रैल को 5 बजकर 42 मिनट पर होगा। ऐसे में कामदा एकादशी का व्रत 8 अप्रैल, मंगलवार के दिन रखा जाएगा।
कब किया जाएगा कामदा एकादशी का पारण
कामदा एकादशी का पारण द्वादशी तिथि पर होता है। ऐसे में 9 अप्रैल बुधवार के दिन कामदा एकादशी व्रत का पारण किया जाएगा। व्रत पारण करने यानी व्रत समाप्त करने का शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल सुबह 7 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और 9 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। इस समयावधि में एकादशी व्रत का पारण करना शुभ होगा।
ऐसे करें कामदा एकादशी पूजा
कामदा एकादशी के दिन प्रात: काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। फिर देवी-देवताओं का ध्यान लगाना चाहिए और फिर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद मंदिर में चौकी पर साफ पीला कपड़ा बिछाकर श्रीहरि विष्णु की प्रतीमा या तस्वीर रखनी चाहिए। इसके बाद भगवान को हल्दी, अक्षत, चंदन, फूल आदि अर्पित करना चाहिए।
इसके साथ ही भगवान को केला, पंचामृत, तुलसी दल, साबूदाने की खीर और मिठाई का भोग लगना चाहिए। उनके सामने धूप-दीप जलाना चाहिए और फिर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए। विष्णु चालीसा और कामदा एकादशी व्रत कथा का पाठ करना चाहिए अंत में आरती कर पूजा का समापन करना चाहिए। इस दिन शाम के समय तुलसी माता के, समक्ष घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए।
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कामदा एकादशी के दिन करे इन नियमों का पालन
* कमादा एकादशी के दिन रात्रि में जागरण और भजन कीर्तन करना चाहिए।
* इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर दक्षिणा देनी चाहिए।
* इस दिन दान-पुण्य करना चाहिए।
* इस दिन बाल-नाखून नहीं काटने चाहिए।
* जो व्रत हैं उन्हें सोना नहीं चाहिए।
* मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
* इस दिन किसी को अपशब्द नहीं कहने चाहिए।