नवंबर में इस दिन है कालाष्टमी,
Masik Durgashtami 2024: माता दुर्गा को समर्पित दुर्गाष्टमी का पर्व हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इस व्रत का बड़ा महत्व हैं। इस बार कार्तिक महीने का मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत 9 नवंबर, शनिवार को हैं।
दुर्गाष्टमी का व्रत रखने से माता रानी भक्तों के सभी दुख-दर्द, पीड़ा, भय और संकट को दूर देती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दुर्गाष्टमी के दिन उपवास करने और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से मां अंबे की विशेष कृपा प्राप्त होती है। तो आइए यहां जानें पूजा विधि और महत्व।
मासिक दुर्गाष्टमी की तिथि
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 8 नवंबर को दोपहर 11 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 9 नवंबर को देर रात 10 बजकर 45 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 9 नवंबर को मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।
ऐसे करें जगत जननी मां दुर्गा की पूजा
मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा विधि बहुत ही सरल और प्रभावशाली होती है। पूजा के समय घर या मंदिर में साफ-सफाई करनी चाहिए और फिर एक चौकी पर देवी दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। पूजा का प्रारंभ गंगाजल से शुद्धि करने से होता है। फिर, मां दुर्गा के प्रिय वस्त्र, फूल, चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), तथा फल चढ़ाए जाते हैं। इस दिन व्रति उपवास रख सकते हैं, लेकिन कुछ लोग फलाहार भी करते हैं।
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जानिए मासिक दुर्गाष्टमी का महिमा
मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है, जबकि शारदीय और चैत्र नवरात्रि का महत्व सर्वविदित है। मासिक दुर्गाष्टमी विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होती है जो नियमित रूप से मां दुर्गा की पूजा करते हैं। यह दिन विशेष रूप से मानसिक शांति और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा के इन मंत्रों का करें जाप
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
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