ज्येष्ठ पूर्णिमा(सौ.सोशल मीडिया)
आज 10 जून को ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा है। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का बड़ा महत्व हैं। शास्त्रों के अनुसार, पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करना बड़ा शुभ माना जाता है। खासकर,शाम के समय अगर आप माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं तो सुख-समृद्धि आपको जीवन में प्राप्त होती है।
इसके साथ ही पूर्णिमा की रात में माता लक्ष्मी के निमित्त कुछ विशेष स्थानों और दिशाओं में दीपक जलाकर भी मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं।
ऐसे में आज हम आपको पूर्णिमा की रात किन विशेष स्थानों और दिशाओं में दीपक जलाने के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते है इस बारे में।
ज्योतिष के अनुसार, पूर्णिमा की रात उत्तर दिशा में दीपक जलाना बेहद शुभ होता हैं। यह दिशा माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर से संबंधित मानी जाती है। इसलिए पूर्णिमा की शाम इस दिशा में आपको दीपक अवश्य जलाना चाहिए। ऐसा करने से घर में पैसे की कमी दूर होती है। आपको करियर और पारिवारिक जीवन में भी उचित परिणाम मिलने लग जाते हैं।
पूर्णिमा की रात उत्तर दिशा में दीपक जलाने के अलावा, तुलसी के पास दीपक जलाना भी बेहद शुभ होता हैं। तुलसी को देवी लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। पूर्णिमा की शाम को अगर आप तुलसी के पास दीपक जलाते हैं तो मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों प्रसन्न होते हैं।
ऐसा करने से जीवन की हर समस्या का हल आपको मिलने लगता है। साथ ही मां लक्ष्मी आपके लिए धन के भंडार खोल देती हैं।
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ज्योतिष बताते है कि, पूर्णिमा की रात मुख्य द्वार पर दीपक जलाना भी बेहद शुभ होता हैं। देवी-देवता आपके घर के द्वार से ही घर में प्रवेश करते हैं। पूर्णिमा की रात्रि में माता लक्ष्मी का आगमन आपके घर में हो इसके लिए आपको मुख्य द्वार के दोनों ओर दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्मी मां आपके जीवन में सुख-शांति लाती हैं।
आपको बता दें, पूर्णिमा के दिन न केवल घर में दीपक जलाने से बल्कि किसी नदी में दीपक जलाकर भी आप शुभलाभ पा सकते हैं। पूर्णिमा के दिन नदी में दीपदान करने से देवी-देवताओं के साथ ही पितरों का आशीर्वाद भी आपको प्राप्त होता है। नदी में दीपदान करने से पितृदोष से भी आपको मुक्ति मिल सकती है।