तुलसी पूजा के इन नियमों का करें पालन(सौ.सोशल मीडिया)
हिंदू धर्म में तुलसी को देवी के समान पूजा जाता है। ऐसे में लगभग सभी हिंदू घरों में तुलसी का पौधा जरुर देखा जाता है। कहते है रोजाना पूजा-अर्चना से साधक को तुलसी माता की कृपा की प्राप्ति होती है जिससे सौभाग्य में वृद्धि होती है। ऐसे में अगर आप भी रोजाना तुलसी की पूजा करते हैं, तो एक बार इसके नियम जरूर जान लें ताकि आपको पूजा का पूरा फल मिल सके।
तुलसी पूजा करते समय इन नियमों का जरूर करें पालन
शास्त्रों के मुताबिक, एकादशी, रविवार, ग्रहण के दिन, संक्रांति के दिन, शाम के समय तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए।
तुलसी के पौधे से कभी पत्तों को तोड़ते समय नाखून का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए बल्कि उंगलियों के छोर का प्रयोग कर इसे तोड़ना चाहिए।
भगवान विष्णु, श्री कृष्ण और हनुमान जी की पूजा उपासना में तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि इनको भोग में तुलसी के पत्ते अर्पित करने पर ये देव प्रसन्न होते हैं।
भगवान शिव और भगवान गणेश जी की पूजा में तुलसी के पत्तों को प्रयोग करना वर्जित माना गया है। इसलिए भूलकर भी इनको तुलसी के पत्ते नहीं अर्पित करना चाहिए।
तुलसी के पौधे को बिना नहाए नहीं छूना चाहिए। ऐसा करने से पौधा सूख जाता है और पाप के भागी बनते हैं। इसलिए नहाने के बाद ही तुलसी का पौधा छुएं।
तुलसी पूजन का क्या महत्व है?
तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। इसे घर में लगाना और इसकी पूजा करना शुभ माना जाता है। तुलसी की पूजा करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं। तुलसी के पौधे में माता लक्ष्मी का वास माना जाता है।
इसलिए इसकी पूजा करने से घर में धन और समृद्धि आती है नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। तुलसी के पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इनका सेवन करने से कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है।