महाशिवरात्रि के दिन करें ये उपाय (सौ.सोशल मीडिया)
Mahashivratri 2025 Upay: हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि का महापर्व बड़ा महत्व रखता है। साल 2025 में महाशिवरात्रि का महापर्व 26 फरवरी, बुधवार को पूरे देशभर में मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर शिवजी और माता पार्वती विवाह के बंधन में बंधे थे। धार्मिक मत है कि महाशिवरात्रि तिथि पर देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
मान्यता के अनुसार इस दिन शिव जी और माता पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही हो या फिर जो लोग अपने सच्चे प्रेम की प्राप्ति करना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि का पर्व उनके लिए बहुत ही शुभ दिन है। इस दिन सच्चे समर्पण के भाव से कुछ उपायों को करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। आइए जानते हैं महाशिवरात्रि के उपाय।
महाशिवरात्रि के दिन करें ये उपाय :
शीघ्र विवाह के लिए
ज्योतिषयों के अनुसार, यदि विवाह में बाधा आ रही है तो महाशिवरात्रि के दिन मंदिर जाकर लाल रंग की मौली लेकर शिव जी और माता पार्वती की परिक्रमा करते हुए सात बार मौली से दोनों के बांध दें।
यदि परिक्रमा करने के लिए उपयुक्त स्थान न हो तो एक ही स्थान पर खड़े होकर भी मौली बांध सकते हैं। तत्पश्चात, दोनों की संयुक्त रूप से पूजा अर्चना करें। फिर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती से शीघ्र विवाह की कामना करें।
मनचाहा जीवन साथी के लिए
मनचाहा जीवन साथी पाने के लिए महाशिवरात्रि के दिन लाल रंग का वस्त्र पहनकर किसी शिव मंदिर जाएं और शिव-गौरी की पूजा करें। इसके बाद माता पार्वती को सुहाग की वस्तुएं लाल चूड़ियां, लाल चुनरी, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर, कुमकुम आदि चीजें अर्पित करें और महाशिव माता पार्वती से प्रार्थना करें।
इसके बाद, रामचरितमानस में वर्णित शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग अवश्य पढ़ें। विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने और मनचाहा जीवन साथी की प्राप्ति के लिए ये पाठ बहुत ही शुभ होता है।
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर केसर मिश्रित जल चढ़ाना चाहिए। इससे शादीशुदा जीवन में मिठास बढ़ती है।
प्रेम विवाह के लिए
प्रेम विवाह के लिए महाशिवरात्रि के दिन मां पार्वती के सामने रामचरित मानस की इस चौपाई का पाठ करें। रामचरित मानस में ये प्रसंग बालकांड का है, जिसके अनुसार प्रभु श्री राम को देखकर सीता जी उनसे विवाह करने की कामना के लिए इस चौपाई को पढ़ते हुए मां पार्वती से भगवान राम को वर के रूप में प्राप्त करने की कामना की थी।
रामचरित मानस चौपाई पाठ
तौ भगवानु सकल उर बासी। करिहि मोहि रघुबर कै दासी।।
जेहि कें जेहि पर सत्य सनेहू। सो तेहि मिलइ न कछु संदेहू।।