गणगौर पूजा में करें ये विशेष उपाय (सौ.सोशल मीडिया)
Gangaur Puja 2025: अखंड सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक गणगौर का पावन पर्व राजस्थान का मुख्य पर्व है। जो आज 31 मार्च को मनाया जा रहा है। यह पर्व मां पार्वती को समर्पित है। और इस पर्व में उनकी पूजा की जाती है। राजस्थान में गणगौर का अलग ही महत्व है। हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर का पर्व मनाया जाता है।
इस दिन महिलाएं मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर अपने पति की लंबी आयु, सुखी दांपत्य जीवन और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यदि इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो दांपत्य जीवन में प्रेम बना रहता है और वैवाहिक सुख में वृद्धि होती है।
गणगौर पूजा में करें ये विशेष उपाय
सुहाग सामग्री का दान करें
गणगौर के दिन सुहागिन महिलाओं को सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी, महावर, काजल, चुनरी आदि सुहाग सामग्री दान करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और सौभाग्य बढ़ता है।
शिव-पार्वती को बेलपत्र और अक्षत चढ़ाएं
गणगौर पूजन में भगवान शिव और माता पार्वती को बेलपत्र और अक्षत (साबुत चावल) अर्पित करें। इससे दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और पति-पत्नी के बीच प्रेम संबंध मजबूत होते हैं।
गौरी माता से अखंड सौभाग्य की प्रार्थना करें
गणगौर की पूजा के दौरान माता गौरी से अखंड सौभाग्य की प्रार्थना करें। मान्यता है कि जो स्त्रियां इस दिन सच्चे मन से मां गौरी से अपने दांपत्य जीवन के सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सुहागिन स्त्रियों का आशीर्वाद लें
गणगौर के दिन विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों को सुहाग की सामग्री भेंट कर उनका आशीर्वाद लें। ऐसा करने से अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
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तांबे के लोटे में जल भरकर पूजा करें
गणगौर के दिन तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें गुड़, चावल और एक सुपारी डालें। फिर इस जल को भगवान शिव और माता गौरी को अर्पित करें। यह उपाय पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए किया जाता है।