
BJP विधायक की बेटी पर कसा शिकंजा (फोटो- सोशल मीडिया)
Rajasthan BJP MLA Daughter Fake Certificate Scam: राजस्थान में एक हाई-प्रोफाइल फर्जीवाड़े के मामले ने सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। ब्यावर से बीजेपी विधायक शंकर सिंह रावत की बेटी कंचन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के जरिए आरएएस (RAS) जैसी प्रतिष्ठित नौकरी हासिल की। तहसीलदार के पद पर चयनित होने वाली कंचन की पोल अब मेडिकल जांच में खुल गई है। जहां प्रमाण पत्र में गंभीर दिव्यांगता का दावा किया गया था, वहीं हकीकत सामने आने पर प्रशासन से लेकर आम जनता तक सब हैरान हैं। बता दें कि एक फर्जी दिव्यांगता का मामला पूजा खेडकर का सोशल मीडिया पर जमकर पूरे देश में वायरल हुआ था ये भी कुछ उसी तरह का केस है जो भाजपा विधायक की बेटी ने किया है।
मुख्यमंत्री पोर्टल पर मिली शिकायत के बाद एसओजी (SOG) ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू की थी। जांच के दौरान कंचन को मेडिकल परीक्षण के लिए बुलाया गया। पहले 3 सितंबर को वह अनुपस्थित रहीं, लेकिन 14 अक्टूबर को एसएमएस अस्पताल के मेडिकल बोर्ड के सामने पेश हुईं। जांच रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया। सरकारी नौकरी में आरक्षण के लिए कम से कम 40 प्रतिशत दिव्यांगता होना अनिवार्य है, लेकिन मेडिकल जांच में उनकी दिव्यांगता महज 8 प्रतिशत ही पाई गई।
मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, कंचन के एक कान में कोई समस्या नहीं है और दूसरे कान में सुनने की बहुत मामूली दिक्कत है। यह केवल 8 प्रतिशत दिव्यांगता की श्रेणी में आता है, जिससे आरक्षण का लाभ नहीं मिलता। कंचन ने आरएएस भर्ती के दौरान जो दस्तावेज जमा कराए थे, उनमें 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता बताई गई थी। इसी फर्जीवाड़े के आधार पर उनका चयन हुआ था। अब पुलिस विधायक की बेटी के साथ-साथ उन अन्य लोगों के प्रमाण पत्रों की भी जांच कर रही है जिन्होंने इसी तरह नौकरी पाई है।
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राजस्थान में विधायक जी की बिटिया फर्जी विकलांग सर्टिफिकेट बनवा के RAS बन गई , जांच में सिद्ध भी हो गया , लेकिन अभी तक उसके खिलाफ सरकार कुछ नहीं कर रही , इन सब का पर्दाफाश करने वाले व्यक्ति पर पहले दबाव बनाया गया , कल सरेआम रोड पर डंडों से मरवाया गया , कुछ दिनों बाद हत्या भी हो… pic.twitter.com/GwjZsj9Ydi — खुरपेंच (@khurpenchh) November 25, 2025
इस खुलासे के बाद राज्य सरकार ने सख्ती दिखाते हुए करीब दो दर्जन विभागों में जांच शुरू कर दी है। हालांकि, इस मामले का एक काला पहलू भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि जिस व्यक्ति ने इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया, उस पर पहले दबाव बनाया गया और कल सरेआम सड़क पर डंडों से जानलेवा हमला किया गया। ऐसी घटनाओं से ईमानदारी से आवाज उठाने वालों में डर का माहौल है। अब देखना यह है कि जांच पूरी होने के बाद फर्जी दस्तावेज पेश करने वालों पर कानून क्या कार्रवाई करता है।






