चंद्रशेखर बावनकुले (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Chandrashekhar Bawankule: कोविड काल में राज्य सरकार के प्रतिबंधों का उल्लंघन कर प्रदर्शन करने वाले भाजपा नेताओं के खिलाफ सीताबर्डी पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इस मामले में जिला न्यायालय ने सभी नेताओं को बरी कर दिया गया है। इनमें राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले समेत भाजपा विधायकों का समावेश है। इस फैसले से सभी को राहत मिली है।
भाजपा ने 31 मई 2021 को संविधान चौक पर जनगणना के अनुसार ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग और महा विकास आघाड़ी की लापरवाही के कारण राजनीतिक आरक्षण से वंचित करने के विरोध में विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस ने विरोध को दबा दिया और सीताबर्डी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई।
आरोपियों में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, विधायक कृष्णा खोपड़े, विकास कुंभारे, प्रवीण दटके, समीर मेघे, पूर्व विधायक टेकचंद सावरकर, अरविंद गजभिये, रमेश चोपड़े और रितेश रहाटे शामिल थे। यह विरोध प्रदर्शन कोरोना महामारी के दौरान हुआ था।
राज्य सरकार ने इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और महामारी रोग अधिनियम 1897 लागू किया था। चूंकि यह विरोध प्रदर्शन लॉकडाउन के दौरान हुआ था, इसलिए थाने में अपराध दर्ज किया गया था।
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कोई भी अवैध रास्ता पतन की ओर ले जाता है। यह जागरूक समाज की निशानी नहीं है बल्कि सरकार और समाज के लिए ज़रूरी है कि वे ऐसे अवैध रास्तों पर चलने वालों को हतोत्साहित करें और उन्हें नए अवसर व रोज़गार प्रदान करें। ज़िला कलेक्टर विपिन इटनकर ने कहा कि पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के मार्गदर्शन में ज़िला प्रशासन उनकी रुचि के अनुसार रचनात्मक रास्ते उपलब्ध कराने और स्वरोज़गार के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए तत्पर है। बैठक में जिले की 42 आदिवासी पारधी बस्तियों में विशेष शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया गया।