बाढ़ग्रस्त पंजाब में उतारे गये ड्रोन, फोटो- सोशल मीडिया
Punjab Flood: भगवंत मान सरकार ने अब बाढ़ प्रभावित इलाकों में ड्रोन के जरिए राहत सामग्री पहुंचानी शुरू कर दी है। सरकार का यह तकनीक आधारित राहत अभियान न सिर्फ तेज गति से काम कर रहा है, बल्कि उन सैकड़ों लोगों के लिए जीवनरेखा बन गया है, जो कई दिनों से अपने घरों में फंसे हुए थे।
राज्य के अमृतसर, अजनाला, फाजिल्का, गुरदासपुर और पठानकोट जैसे कई जिलों में ड्रोन के माध्यम से राशन, दवाइयां, पीने का पानी, बच्चों के लिए दूध, महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिन और टॉर्च जैसी आवश्यक वस्तुएं लोगों की छतों तक पहुंचाई जा रही हैं। इन ड्रोन टीमों ने 10 से 15 किलोमीटर तक उड़ान भरकर उन स्थानों तक राहत पहुंचाई है, जहां नावें भी नहीं पहुंच सकती थीं। ये सभी सेवाएं नि:शुल्क हैं और सरकारी एजेंसियों के सहयोग से संचालित की जा रही हैं।
इस राहत कार्य में पुलिसकर्मी, जिला प्रशासन, मेडिकल टीमें, एनडीआरएफ, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग एकजुट होकर दिन-रात काम कर रहे हैं। फाजिल्का में पुलिसकर्मी कंधों पर राशन के बोरे लादकर बाढ़ प्रभावित घरों तक पहुंचा रहे हैं। गुरदासपुर और पठानकोट में अफसर पानी में उतरकर मेडिकल कैंप चला रहे हैं, वहीं अजनाला में ट्रैक्टर और नावों से राहत सामग्री बंटवाने का काम हो रहा है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। राज्य के मंत्री लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और स्थानीय प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों में किसी भी तरह की देरी न हो, इसका निर्देश दे रहे हैं। हर गांव तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है और जमीनी हालात के अनुसार नई रणनीतियां अपनाई जा रही हैं।
राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि 23 जिलों के 1655 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और करीब साढ़े तीन लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें से हजारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। बाढ़ से 1.75 लाख हेक्टेयर फसल नष्ट हो चुकी है और अब तक 37 लोगों की जान जाने की पुष्टि हुई है।
पंजाब सरकार का यह राहत मॉडल अब एक मिसाल बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री मान ने कहा है कि यह सिर्फ राहत पहुंचाने की बात नहीं है, बल्कि तकनीक, संवेदनशीलता और प्रशासनिक तत्परता का सम्मिलन है। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे ही पानी का स्तर घटेगा, राज्य सरकार नुकसान के आकलन के लिए एक व्यापक सर्वे शुरू करेगी और लोगों को यथासंभव मुआवजा दिया जाएगा।
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पंजाब में बाढ़ के कारण उपजे संकट के बीच सरकार की ओर से उठाए गए त्वरित और योजनाबद्ध कदम, विशेष रूप से ड्रोन के माध्यम से राहत सामग्री पहुंचाने की पहल, एक नई सोच और आधुनिक प्रशासन का उदाहरण बन गई है। इससे यह संदेश भी साफ गया है कि मुश्किल वक्त में अगर सरकार और जनता मिलकर काम करें, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती।