
राहुल गांधी, रवनीत बिट्टू, भगवंत मान और केजरीवाल (फोटो- नवभारत डिजाइन)
नई दिल्लीः दिल्ली चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल सुर्खियों से गायब हो गए थे। पंजाब में विपश्यना पर गए AAP सुप्रीमों ने अब एक नया पैंतरा खेला है। उन्होंने पंजाब का प्रभारी मनीष सिसौदिया को बनाया और दिल्ली की जिम्मेदारी सौरभ भरद्वाज को सौंपी है। हालांकि स्वयं केजरीवाल अब क्या करेंगे इस पर स्पष्टता नहीं है।
वहीं इन अहम संगठनात्मक नियुक्तियों से पहले पंजाब सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया था। वो यह है कि करीब 2 साल से आंदोलनरत किसानों से पंजाब-हरियाणा बॉर्डर को मुक्त करवाने का। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस फैसले में अरविंद केजरीवाल की भी सहमति थी।
किसानों की आप को पंजाब में खा जाएगी?
राजनीति के जानकारों का मानना है कि जिस तरह से किसानों के आंदोलन को खनौरी बॉर्डर और शंभू बॉर्डर से खत्म करवाया गया। इससे पंजाब के किसानों में आम आदमी पार्टी और भगवंत मान सरकार से नाराजगी बढ़ेगी। कुछ लोगों का तो कहना है कि भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने इस फैंसले पर अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी ली है। दिल्ली में सत्ता गंवाने के बाद पंजाब में सरकार में ही सरकार बची हुई है। ऐसे में कहीं ऐसा न हो कि यह फैसला अगामी चुनाव में आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा खतरा बनकर उभरे और सत्ता से हाथ धोना पड़ जाए।
“तू सिर्फ केजरीवाल दे इशारेया ते नचदा”
पंजाब पुलिस द्वारा किसानों पर कार्रवाई और आंदोलन को खत्म करने के बाद भाजपा और कांग्रेस के एक बार फिर सुर मिल गए। दोनों ही पार्टी के नेताओं ने पंजाब सरकार और आम आदमी पार्टी को आड़े हाथों लिया। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने मान पर केजरीवाल के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब के सीएम सत्ता में बने रहने के लिए किसानों को दांव पर लगा रहे हैं। बिट्टू ने कहा, “तू सिर्फ केजरीवाल दे इशारेया ते नचदा। तूने सत्ता में बने रहने के लिए पूरे पंजाब और किसानों को दांव पर लगा दिया। तू देखेगा कि केजरीवाल का कुछ नहीं होगा, लेकिन पंजाब के लोग तुझे किसी गांव में घुसने नहीं देंगे।”
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किसानों के मुद्दे को कांग्रेस ने लपका
वहीं कांग्रेस जो अब पंजाब मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही है, उसके कई नेताओं ने किसानों का समर्थन करते नजर आए। कांग्रेस सांसद राजा वडिंग, भूपेंद्र हुड्डा और रणदीप सुरजेवाला ने पंजाब सरकार को आड़े हाथों लिया। इतना ही नहीं राहुल गांधी ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है।






