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नवभारत डिजिटल डेस्क : दिल्ली विधानसभा 2025 के नतीजे आने के बाद अब सीएम बनाने की कवायद तेज होने लगी है। बता दें, दिल्ली में 27 सालों बाद भाजपा की ऐतिहासिक जीत हुई है। 70 विधानसभा सीटों में से भाजपा के खाते में 48 सीटें आई है, जो बहुमत के आंकड़े से कहीं ज्यादा है। ऐसे में अब सबके मन में यही सवाल हो चल रहा है कि दिल्ली का अगला सीएम कौन होगा? भाजपा किन फैक्टर को ध्यान में रखकर दिल्ली सीएम के नाम पर मुहर लगाएगी? इन सारे सवालों का जवाब पाने के लिए पढ़ते जाइए इस आर्टिकल को अंत तक।
हाल ही में हुए चुनावों में बीजेपी ने कई राज्यों में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों के नाम का खुलासा नहीं किया था और इस ट्रेंड को पार्टी के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। भाजपा ने सुनिश्चित किया कि प्रचार के दौरान किसी एक नेता के नाम को प्रमुखता न दी जाए, ताकि पार्टी हाईकमान चुनाव नतीजों के बाद अपना फैसला ले सके, जो हर बार चौंकाने वाला होता है। कई राज्यों में यही ट्रेंड रहा है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी यही रणनीति अपनाई गई है। चुनाव नतीजों के बाद ही शिवराज सिंह चौहान, डॉ. रमन सिंह और दूसरे नेताओं को मुख्यमंत्री बनाया गया। इसी तरह दिल्ली चुनाव में भी पार्टी ने किसी एक उम्मीदवार का नाम तय नहीं किया था और नतीजों के बाद सीएम के संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट में कयासबाजी शुरू होने लगी है।
दिल्ली में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों की लिस्ट में कई बड़े नाम शामिल हैं, जिनमें पवन शर्मा, मनोज तिवारी, वीरेंद्र सचदेवा, मनजिंदर सिंह सिरसा, कैलाश गहलोत, और आशीष सूद का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। खास बात यह है कि भाजपा इस बार महिला सीएम के विकल्प पर भी विचार कर सकती है, क्योंकि 7 वीं विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने से पहले दिल्ली की सत्ता की चाबी एक महिला सीएम के पास थी। ऐसे में बांसुरी स्वराज (पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी) और शिखा राय के नाम पर भी चर्चा हो रही है।
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इसके अलावा बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने दलित और महादलित फैक्टर को महत्व दिया है, और इस बार सीएम पद के लिए बिहार के नेताओं को अहम भूमिका में लाने का संकेत दिया गया है।