उद्धव ठाकरे, संजय राउत, जितेंद्र आव्हाड, शरद पवार (डिजाइन फोटो)
मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार द्वारा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का सम्मान करने के बाद महाविकास आघाड़ी में टकराव बढ़ गया है शिवसेना (यूबीटी) इससे तिलमिलाई हुई है। शिवसेना के सांसद संजय राउत पर एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने पलटवार किया है। उन्होंने हड़काया है कि पवार किस मंच पर जाएंगे इसका फैसला राउत नहीं करेंगे।
इधर दिल्ली दौरे पर गए शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे ने मित्र धर्म की याद दिलाते हुए एनसीपी की आलेचना की है। साथ ही उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर यह कहते हुए हमला बोला कि जो महाराष्ट्र द्रोही है, वह देशद्रोही भी होता है। जितेंद्र आव्हाड ने राउत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राजनीति और सामाजिकता दोनों अलग-अलग हैं।
उन्होंने का कि शरद पवार एक ऐसे राजनेता हैं जो कभी भी बदले या नफरत की भावना नहीं रखते। आपको क्या लगता है पवार ऐसा क्यों करते हैं? लेकिन यह उनके हृदय की महानता है। ऐसे कई उदाहरण हैं जब पवार वहां चले गए जहां उनके जाने की उम्मीद नहीं थी। शरद पवार को उन लोगों से कोई शिकायत नहीं है जिन्होंने उनकी राजनीति में बाधा डाली और उनकी पार्टी को गुमराह किया।
आदित्य ठाकरे ने डीसीएम शिंदे को सम्मानित करने के मामले में कहा कि मैं पवार की उम्र, वरिष्ठता या सिद्धांतों पर टिप्पणी नहीं करूंगा लेकिन मित्र दल होने के नाते यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम शिंदे जैसे किसी व्यक्ति का कभी सम्मान न करें। शिंदे ने न केवल हमारी पार्टी और परिवार को विभाजित किया है बल्कि महाराष्ट्र की औद्योगिक रीढ़ को भी कमजोर किया है। जो महाराष्ट्र द्रोही है, वह देशद्रोही भी होता है।
मंगलवार को दिल्ली मंगलवार को अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में शरद पवार ने डीसीएम शिंदे को महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया था। पवार ने शिंदे की प्रशंसा की थी। इस पर संजय राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र की राजनीति बहुत अजीब दिशा में जा टोपी पहन रहा है और कौन अपनी टोपी उड़ा रहा है।
उन्होंने कहा कि पवार को शिंदे के कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए था। हमें इस बात का दुख है कि आप उन लोगों को सम्मान दे रहे हैं जिन्होंने महाराष्ट्र सरकार गिराई और बेईमानी की। शिवसेना को तोड़ा। राजनीति में कुछ ऐसी चीजें हैं जिनसे बचना चाहिए।
शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि जब मैंने बाबासाहेब पुरंदरे के बारे में बयान दिया तो हमारी पार्टी के कई लोगों ने मुझसे माफ़ी मांगने को कहा। मैंने शरद पवार को फोन किया और उनसे पूछा कि क्या मैं गलत था?
राजनीति से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
पवार ने तुरंत जवाब दिया कि आपने इस विषय का अध्ययन किया है। इसके बाद अपनी भूमिका रखी, इसलिए आप गलत नहीं हो। यह पवार हैं। उनकी केमिस्ट्री समझने लायक है। हम विश्वासघात जैसे शब्द बर्दाश्त नहीं करेंगे। याद रखें कि जब लड़ाई का समय आएगा तो शरद पवार आपसे ज्यादा आक्रामक रहेंगे।