देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की प्रचंड जीत के बाद राज्य में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के पद को लेकर बड़ा संघर्ष रहा है। इस बात को पूरा राज्य भलीभांति जानता है। राज्य में मुख्यमंत्री पद न मिलने से एकनाथ शिंदे और अजित पवार में भी काफी नाराजगी रही है। इस बीच एक पूर्व मंत्री की भविष्यवाणी सामने आई है, जिससे हड़कंप मच गया है।
डेढ़ साल में देवेंद्र फडणवीस दिल्ली की राजनीति में चले जाएंगे और महाराष्ट्र की कमान उप मुख्यमंत्री एवं राकां नेता अजित पवार को मिल जाएगी। रविवार को ऐसी भविष्यवाणी करते हुए पूर्व मंत्री भास्कर पाटिल खतगावकर ने अजित पवार को भविष्य में सीएम बनने की अग्रिम बधाई दी।
खतगांवकर ने कहा कि अजीतदादा, मैं जो कुछ कहता हूं वह सत्य है। मैंने अशोकराव चव्हाण से कहा था कि आप राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे और वह बने। जब मैं केंद्र में मंत्री था, तो दिल्ली के सेंट्रल हॉल में हमेशा राजनीति पर चर्चा होती थी। आज भी ऐसा होता है, वहां मेरे दोस्तों ने मुझे बताया है कि अगले डेढ़ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवेंद्र फडणवीस को दिल्ली ले जाएंगे और उसके बाद राज्य का नेतृत्व मुख्यमंत्री के रूप में आपको सौंपा जाएगा।
रविवार को नांदेड़ जिले के मुखेड़ तालुका अंतर्गत चव्हाण वाडी में उप मुख्यमंत्री अजित पवार की उपस्थिति में आयोजित पक्ष प्रवेश कार्यक्रम के दौरान शेषराव चव्हाण और उनका परिवार राकां पार्टी में शामिल हुआ। समारोह में अजित की प्रशंसा करते हुए पूर्व मंत्री खतगांवकर ने कहा कि आपको राज्य में एक साहसी नेता के रूप में देखा जाता है।
उन्होंने कहा मैंने शरद पवार, शंकरराव चव्हाण और सुधाकरराव नाइक जैसे मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व में काम किया। लेकिन मैंने प्रशासन पर आपकी पकड़, विषय का आपका अध्ययन और दिन में अठारह घंटे काम करने की आपके जैसी शारीरिक क्षमता और ऊर्जा किसी में नहीं देखी है। आपके काम करने का तरीका बहुत सकारात्मक है।
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इस भविष्यवाणी के सामने आने के बाद राज्य में हड़कंप मच गया है। महाराष्ट में मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए अजित पवार के साथ एकनाथ शिंदे भी कतार में है। विधानसभा चुनाव के कुछ ही दिनों बाद से राज्य में मंत्रियों की नाराजगी की खबरों ने आग पकड़ ली थी, जो आज भी बुझी नहीं है। भले ही महाराष्ट्र में मंत्रियों ने कहा है कि महायुति में सब कुछ ठीक चल रहा है। लेकिन, मुख्यमंत्री बनने की आस आज भी मंत्रियों में लगी हुई है।