कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन)
Bihar Assembly Elections: बिहार में एनडीए विपक्ष से दो कदम आगे चल रहा है। एक तरफ अभी विपक्षी पार्टियों का महागठबंधन मतदाता अधिकार यात्रा में जुटा हुआ है वहीं दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए ने सीट बंटवारे का फार्मूला फाइनल कर लिया है। कहा जा रहा है कि दिल्ली दौरे से लौटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बैठक के बाद गठबंधन दलों ने सीटों के विभाजन पर अंतिम सहमति बना ली है।
नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे से पहले राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के संकटमोचक कहे जाने वाले नेता और केन्द्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी बिहार पहुंचे थे। यहां उन्होंने सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के साथ बैठक की थी। इस बैठक में जेडीयू संजय झा भी मौजूद थे।
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि नीतीश कुमार की जेडीयू इस बार 102 सीटों पर, तो भारतीय जनता पार्टी 101 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है। इसके साथ ही चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) को 20 सीटें दी गई हैं। वहीं, जीतन राम मांझी की ‘हम’ और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम को 10-10 सीटें मिली हैं।
हालांकि, एनडीए की तरफ से अभी किसी भी तरह की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन माना यह जा रहा है कि एनडीए जल्द प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीटों के बंटवारे का औपचारिक ऐलान करने वाला है। कौन सी सीट किस दल के खाते में जाएगी और फाइनल लिस्ट पर अभी विचार-विमार्श चल रहा है।
इन ख़बरों के बीच बताया तो यह भी जा रहा है कि जेडीयू और भाजपा के बीच 1-2 सीटों का अंतर संभव है। करीब दो महीने पहले ही ये खबरें आई थीं कि इस बार भी बीजेपी, जेडीयू से कम सीटों पर चुनाव लड़ेगी और ताजा जानकारियां इसी बात की पुष्टि कर रही हैं।
2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा और 74 सीटें जीतीं, जबकि जेडीयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़कर 43 जीत दर्ज की। 2020 चुनाव में एलजेपी (आर) एनडीए का हिस्सा नहीं थी। तब चिराग पासवान सीट बंटवारे से असहमत होकर ही अलग चुनाव लड़ा था।
एनडीए इस बार छोटे दलों को भी मजबूती से साथ रखना चाहता है। यही वजह है कि एलजेपी (रामविलास) को 20 सीटें, जबकि ‘हम’ और आरएलएम को 10-10 सीटें दी जा रही हैं। पिछली बार मांझी की पार्टी को सिर्फ 7 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार उनकी ताकत को देखते हुए उन्हें ज्यादा महत्व दिया जा रहा है।
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2020 चुनाव को देखते हुए NDA इस बार संतुलित फार्मूला लेकर चल रहा है। भाजपा और जेडीयू भले ही कम सीटों पर लड़ें, लेकिन छोटे दलों को मजबूत करके गठबंधन को एकजुट बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। जिससे किसी भी तरह की नाराजगी का सामना न करना पड़े।
जहां एनडीए में सीट बंटवारे की तस्वीर लगभग साफ है, वहीं विपक्षी महागठबंधन में अभी तक कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई है। आरजेडी, कांग्रेस और वामदलों के बीच अभी बातचीत जारी है। सूत्रों के मानें तो महागठबंधन के कई दल आपसी खींचतान में उलझे हुए हैं। इससे विपक्षी खेमे में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।