‘कैडमियम टेल्यूराइड सोलर सेल’ डॉ. दीपमाला साळी द्वारा संशोधन कर उचित मूल्य पर पर्यावरण अनुकूल सौर ऊर्जा उत्पन्न करने का समाधान पर उनकी खोज सराहनीय है। उनके द्वारा निर्मित ये सोलर सेल लम्बे समय तक उपयोग किये जा सकते हैं।
उचित मूल्य पर पर्यावरण अनुकूल सौर ऊर्जा उत्पादन कि खोज। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
विश्व के समक्ष उपस्थित 2 प्रमुख समस्याओं में ग्लोबल वार्मिंग और ऊर्जा की कमी पर चमत्कारी समाधान खोजने की दिशा में मानव बुद्धि एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ा रहीं है। ऐसे में दुनिया भर के वैज्ञानिक वर्तमान में वैकल्पिक ईंधन और ऊर्जा स्रोतों की खोज और उनका वास्तविक उपयोग करने के लिए काम कर रहे हैं। सीमित जीवाश्म ईंधन भंडार और इनके ईंधन से हो रहा वायु प्रदूषण तापमान में वृद्धि कर रहा है। वहीं अन्य गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रहीं हैं। आज यह पूरे विश्व के सामने एक बड़ी चुनौती यह बन गई है। (सभी फोटो सोर्सः सोशल मीडिया)
भारत ने हाल ही में स्वच्छ ऊर्जा और वैकल्पिक ईंधन की ओर तेजी से बढ़ने की नीति अपनाई है। इस दौरान सौर ऊर्जा का उपयोग एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। यदि हम आने वाले भविष्य में संभावित बिजली और ईंधन संकट से उबरना चाहते हैं तो सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करना समय की मांग है। सौर ऊर्जा भविष्य का ईंधन है और इसके पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ अपार हैं। सोलर सेल के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा स्रोत पर अनुठा अध्ययन महात्मा ज्योतिबा फुले शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी महाज्योति नागपुर के शोधकर्ता डॉ. दीपमाला प्रभाकर साळी इन्होंने किया।
‘कैडमियम टेल्यूराइड सोलर सेल’ डॉ. दीपमाला साळी द्वारा संशोधन कर उचित मूल्य पर पर्यावरण अनुकूल सौर ऊर्जा उत्पन्न करने का समाधान पर उनकी खोज सराहनीय है। उनके द्वारा निर्मित ये सोलर सेल लम्बे समय तक उपयोग किये जा सकते हैं। भविष्य में इसका औद्योगिक उपयोग के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। उपरोक्त सौर सेल एक बहुत ही सरल उपकरण से बनाया गया है। इसके अलावा, इन सौर सेलों का उपयोग लम्बे समय तक किया जा सकता है। वहीं इस शोध का भविष्य में औद्योगिक स्तर पर परीक्षण किया जा सकता है।
‘महाज्योति' के माध्यम से ओबीसी, वीजेएनटी और एसबीसी प्रवर्ग के पीएचडी छात्रों को छात्रवृत्ति के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। डॉ. दीपमाला साळी ने भौतिकशास्र विषय से सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय, पुणे से पीएचडी डिग्री प्राप्त कि है। ‘स्टडीस ऑन लो-रेसिटेटीव्ह बॅक कॉन्टक्ट बफर लेयर्स फॉर थीन फिल्म सीडीटीई सोलर सेल्स’इस विषय पर डॉ. साळी ने थीसिस प्रस्तुत की। इस थीसिस में उन्होंने कहा कि उनके द्वारा बनाए गए सौर सेल के माध्यम से उचित लागत पर स्वच्छ सौर ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है। प्रोफेसर नंदू बी. चौरे के मार्गदर्शन में डॉ. दीपमाला साळी ने 5 वर्षों में एक विद्वत्तापूर्ण शोध प्रबंध तैयार किया. डॉ. साळी का शोध देश और राज्य के लिए उपयोगी होगा इसमें कोई संदेह नहीं है।
गुरुवार को ‘महाज्योति’ के नागपुर मुख्यालय में संस्था के प्रबंध निदेशक डॉ. राजेश खवले के हाथो डॉ. दीपमाला साळी को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. साळी ने कहा, पर्यावरण अनुकूल और लागत प्रभावी स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के लिए सौर ऊर्जा एक बेहतरीन विकल्प है। सौर पैनल सीधे सूर्य के प्रकाश से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करते हैं. इस पैनल में कई सौर सेल होते हैं, जो प्रकाश ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है। सौर पैनलों में सौर सेल सेमी कंडक्टर से बने होते हैं, आमतौर पर सिलिकॉन कहा जाता है। लेकिन सिलिकॉन सौर सेल स्थापित करने की प्रारंभिक लागत अधिक है। मैने कैडमियम टेल्यूराइड सौर सेलों पर अनुसंधान किया। मेरें द्वारा निर्मित कैडमियम टेल्यूराइड सौर सेल की लागत अत्यंत कम है।
'महाज्योति' के माध्यम से ओबीसी, वीजेएनटी, एसबीसी श्रेणी के छात्रों को छात्रवृत्ति से वित्तीय सहायता और इस मार्गदर्शन ने मेरे शोध को प्रेरित किया है, ऐसी भावना डॉ. साळी ने व्यक्त कि. मेरा शोध निश्चित रूप से सौर ऊर्जा क्रांति का मार्ग प्रशस्त करेगा। डॉ. साळी ने ‘महाज्योति’ के प्रबंध निदेशक राजेश खवले के सहयोग के साथ-साथ पिता प्रभाकर और माता नीलम के आशीर्वाद के लिए आभार व्यक्त किया हैं। भविष्य में भी 'महाज्योति' संस्था द्वारा प्रदान की जाने वाली फेलोशिप से शोधकर्ताओं को लाभ मिलेगा, ऐसी भावना भी डॉ. दीपमाला साळी द्वारा व्यक्त किया गया।
'महाज्योति' के प्रबंध निदेशक राजेश खवले ने कहा, 'महाज्योति' के माध्यम से हम ओबीसी, वीजेएनटी और एसबीसी श्रेणियों के पीएचडी शोध छात्रों को छात्रवृत्ति के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करने का बहुमूल्य कार्य कर रहे हैं। सौर ऊर्जा की उपलब्धता आज समय की मांग है। कैडमियम टेल्यूराइड सौर सेलों पर अनोखी खोज के माध्यम से डॉ. दीपमाला साळी उसने यह कर दिखाया है। उनके रिसर्च से उचित मूल्य पर सरल उपकरणों का उपयोग करके पर्यावरण अनुकूल सौर ऊर्जा उत्पन्न करेगा। सौर ऊर्जा में यह क्रांति सराहनीय है। डॉ. साळी की थीसिस देश-दुनिया के लिए लाभकारी होगी ऐसी बात खवले ने कही।
अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री एवं महाज्योति नागपुर के अध्यक्ष अतुल सावे ने कहा, महाज्योति के शोधकर्ता डॉ. दीपमाला साळी द्वारा किया गया यह शोध गर्व की बात है। उन्होंने देश को 'महाज्योति' से विख्यात करने का काम किया है। महाज्योति द्वारा प्रदान की गई छात्रवृत्ति की बदौलत राज्य के हजारों छात्र प्रगति के पथ पर अग्रसर हुए हैं। 'महाज्योति' से जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) और सीनियर रिसर्च फेलोशिप (एसआरएफ) छात्रवृत्ति, छात्रवृत्ति राशि के साथ-साथ मकान किराया भत्ता भी प्रदान किया जा रहा है। पीएचडी शोधकर्ताओं की उत्कृष्ट उपलब्धियां देश को प्रगति की ओर ले जाएंगी, ऐसे विचार भी मंत्री अतुल सावे ने व्यक्त की।