स्विट्जरलैंड में सार्वजनिक स्थान पर बुर्का या नकाब से पूरे चेहरे को ढकने पर पाबंदी लगाई गई है। कानून का उल्लंघन करने पर 1,000 स्विस फ्रैंक यानी 94,651.06 रुपये का जुर्माना देना होगा।
स्विट्जरलैंड में बुर्का पहनने पर पाबंदी लगाई गई है। (सौजन्य: सोशल मीडीया)
दुनियाभर में साल 2025 का शानदार आगाज हो गया है। हर कोई अपना न्यू ईयर रिजॉल्यूशन बता रहा है। कई देशों ने नए साल के लिए कई नियम-कानुन में बदलाव किए हैं। ताकि उनके देशवासियों को सहूलियत मिले। लेकिन इस बीच स्विट्जरलैंड में जो नए साल के लिए कानून लागु किया गया है, उस पर सभी को आश्चर्य हैं और विभिन्न चर्चाएं भी जारी हैं। क्या है यह कानून जानते हैं। (सभी फोटो सोर्स सोशल मीडीया)
स्विट्जरलैंड में सार्वजनिक स्थान पर बुर्का या नकाब से पूरे चेहरे को ढकने पर पाबंदी लगाई गई है। कानून का उल्लंघन करने पर 1,000 स्विस फ्रैंक यानी भारतिय करेंसी में 94,651.06 रुपये का जुर्माना देना होगा। आमतौर पर मुस्लिम महिलाएं बुर्का पहनती हैं और स्विट्जरलैंड के बुर्का बैन कानून को मुस्लिमों को निशाना बनाने और स्वतंत्रता के हनन के रूप में देखा जा रहा है।
बता दें कि यह नियम 1 जनवरी से लागू हुआ है। बुर्का बैन कानून सार्वजनिक जगहों और आम जनता के लिए सुलभ निजी इमारतों में नाक, मुंह और आंखों को ढकने पर प्रतिबंध लगाता है। हालांकि, इस कानून में कुछ अपवाद भी हैं।
बुर्का बैन कानून फ्लाइट्स या राजनयिक एवं वाणिज्य दूतावास परिसरों पर लागू नहीं होगा और पूजा और अन्य पवित्र स्थलों पर भी चेहरा ढका जा सकेगा। स्विट्जरलैंड में बुर्का बैन कानून में यह भी कहा गया कि स्वास्थ्य और सुरक्षा कारणों, स्थानीय रीति-रिवाजों और सर्दी-गर्मी से बचने के लिए चेहरे को ढकने की अनुमति होगी।
स्विट्जरलैंड में मनोरंजन और विज्ञापनों के लिए भी चेहरा ढकने पर पाबंदी नहीं रहेगी। स्विटजरलैंड के बुर्का बैन कानून में कहा गया है कि अगर अभिव्यक्ति की आजादी और किसी सभा के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए चेहरा ढकने की जरूरत है तो इसकी अनुमति दी जा सकती है।
बुर्का पर बैन आज से 4 साल पहले 2021 के एक जनमत संग्रह के आधार पर किया गया है जिसमें स्विटजरलैंड के नागरिकों ने चेहरा ढकने के विरोध में वोट किया था। यह कानून एक राष्ट्रव्यापी जनमत संग्रह के माध्यम से पारित हुआ था।
फ्रांस पहला यूरोपीय देश है, जिसने मुस्लिम महिलाओं पर बुर्का पहनने पर बैन लगाया। वर्ष 2011 में फ्रांस की सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का को पूरी तरह बैन कर दिया। इतना ही नहीं बुर्का पहनने पर जुर्माना भी लगाया गया। कानून के तहत जबरन बुर्का पहनाने वाले को भी दोषी माना गया है। ऐसे लोगों पर 30 हजार यूरो तक का जुर्माना हो सकता है। इसके पूर्व फ्रांस ने वर्ष 2004 में पहले स्कूलों में धार्मिक चिन्हों पर रोक लगाई गई।
प्रतिबंध की कई लोगों ने सोशल मीडिया पर आलोचना की। उन्होंने कहा यह प्रतिबंध महिलाओं के अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक प्रथाओं का अतिक्रमण करता है। यह पहली बार नहीं है जब किसी पश्चिमी देश ने इसी तरह का कानून बनाया है। स्विट्जरलैंड फ्रांस, बेल्जियम, डेनमार्क और ऑस्ट्रिया जैसे देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने हाल के वर्षों में इसी तरह के नियम अपनाए हैं।