12 साल बाद आयोजित हो रहे इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए इस बार कई बाबा ऐसे भी आए है जिनकी तपस्या उन्हे अलग बनाती है। यहां पर एक से बढ़कर एक दिलचस्प नजारें इन बाबाओं के नजर आ रहे है।
महाकुंभ में बाबाओं के अद्भुत नजारे (सौ.सोशल मीडिया)
Mahakumbh 2025: उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से होने जा रही है इस दौरान बड़ी संख्या में साधु-संत पहुंच चुके है वहीं पर श्रद्धालु भी धार्मिक समागम में हिस्सा लेने पहुंचेंगे। 12 साल बाद आयोजित हो रहे इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए इस बार कई बाबा ऐसे भी आए है जिनकी तपस्या उन्हे अलग बनाती है। यहां पर एक से बढ़कर एक दिलचस्प नजारें इन बाबाओं के नजर आ रहे है।
लिलिपुट बाबा- कद में छोटे इस साधु बाबा की चर्चा महाकुंभ में काफी हो रही है। दरअसल उन्होंने महाकुंभ के लिए पिछले 32 वर्षों से स्नान नहीं किया है। उन्हें लोग लिलिपुट बाबा के नाम से जानते हैं। बाबा की लंबाई 3 फीट 8 इंच है, जिसे लेकर भी वह सुर्खियों में बने हुए हैं। इसके अलावा वे और भी कई चीजें बताते है।
टार्जन बाबा- महाकुंभ में इस बार टार्जन कार वाले बाबा भी आए है यानि वे अपनी एंबेसडर कार से इस धार्मिक समागम में शामिल होने के लिए पहुंचे है। मध्यप्रदेश से आए ये बाबा अपने साथ कार लेकर चलते है इसमें ही साल 1972 मॉडल की कार है जिसे वे पिछले 35 साल से इस्तेमाल कर रहे है।
अनाज वाले बाबा- इस महाकुंभ में एक और साधु का अद्भुत अवतार देखकर आप दंग रह जाएंगे। उन्होंने अपने सिर पर जौ उगा ली है। इस वजह से उन्हें अनाज वाले बाबा कहते है। यहां पर इन बाबा की बात की जाए तो, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रहने वाले अमरजीत ने अपने सिर पर गेहूं, बाजरा और चना का पौधा उगा रखा है।
चाबी वाले बाबा- प्रयागराज पहुंचे अद्भुत बाबाओं की लिस्ट में चाबी वाले बाबा की चर्चा भी काफी खास है वे दरअसल अपने साथ 20 किलो की चाबी लेकर यात्रा करते हैं।राम नाम की चाबी बताते है। इसके अलावा संगम स्थल पर गोल्डन बाबा, टंकी बाबा और एक ऐसे बाबा हैं, जिन्होंने पिछले 50 वर्षो से अपना हाथ नीचे नहीं रखा है।
रबड़ी बाबा- महाकुंभ में पहुंचे बाबा का असली नाम श्री महंत देवगिरि है, श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी से जुड़े हुए हैं इसमें हर दिन सुबह 8 बजे से लेकर देर रात तक एक बड़ी कढ़ाई में दूध उबालते हैं और उससे मलाईदार रबड़ी तैयार करते हैं। यह रबड़ी भक्तों को मुफ्त में परोसी जाती है। उनकी इस निस्वार्थ सेवा को देखकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है।