आज इंडियन शेयर बाजार के लिए हफ्ते का पहला ट्रेड सेशन ब्लैक मनडे साबित हुआ है। प्री ओपनिंग सेशन में ही शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स ने 3900 अंकों से ज्यादा का गोता लगाया है, साथ ही दूसरी ओर एनएसई का निफ्टी भी 1000 अंकों से टूटकर नीचे गिरा है। इससे पहले भी शेयर बाजार इतनी बुरी तरह क्रैश हुआ है।
(कांसेप्ट फोटो)
पहला - हर्षद मेहता स्कैम (साल 1992) इंडियन शेयर मार्केट में सोमवार को आयी हुई गिरावट के चलते मार्केट में इससे पहले आयी हुई आंधी की याद ताजा हो गई है। आज से तकरीबन 33 साल पहले साल 1992 में भी स्टॉक मार्केट कुछ ऐसे क्रैश हुआ था, जिसने निवेशकों को हिला दिया था। सबसे पहले ऐसा हर्षद मेहता के घोटाले के बाद हुआ था। उस समय बाजार में करीब 4000 करोड़ रुपये के घोटाले होने की बात सामने आयी थी, ये खबर सामने आने के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में जबरदस्त गिरावट आयी थी। 28 अप्रैल 1992 को सेंसेक्स करीब 570 अंक या फिर 12.7 प्रतिशत तक नीचे आया था।
दूसरा- केतन पारेख घोटाला (साल 2001) हर्षद मेहता स्कैम के बाद साल 2001 में फिर से भारतीय शेयर बाजारों में भूकंप लाने वाला घोटाला जनता के सामने आया था। इस बार ये मामला केतन पारेख नामक एक स्टॉक ब्रोकर से जुड़ा हुआ था। मार्च 2001 में जब यह घोटाला सामने आया, तो शेयर बाजार से जुड़े निवेशकों में हड़कंप मच गया था। इसका असर ये हुआ कि 2 मार्च 2001 को सेंसेक्स ने फिर बड़ी गिरावट देखी और ये कारोबार के दौरान 4.13 प्रतिशत तक टूट गया था।
तीसरा- इलेक्शन रिजल्ट क्रैश (साल 2004 से साल 2024) इंडियन शेयर मार्केट के लिए 2 बार ऐसे मौके आए, जब चुनावी नतीजों के दौरान शेयर मार्केट पूरी तरह औंधे मुंह नीचे गिर गया था। पहला मौका साल 2004 के आए लोकसभा चुनाव के नतीजों के दिन आया था, जब एनडीए पर यूपीए की जीत दर्ज की थी। 17 मई, 2004 को सेंसेक्स ने एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की और ये 842 अंक या 11.1 प्रतिशत तक नीचे गया था। हालात ये हो गई थे कि शेयर मार्केट में 2 बार ट्रेडिंग को रोकना पड़ा था। वहीं पिछले साल 4 जून 2024 जब लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आए, तो उस दिन सेंसेक्स 6094 अंक तक फिसलकर 70,374 के लेवल पर आ गया था।
चौथा- ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस (साल 2008) अमेरिका में लेहमैन ब्रदर्स के पतन ने साल 2008 में पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था और उस समय ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस देखने को मिला था। इसका सीधा असर इंडियन शेयर मार्केट पर भी हुआ था। इस दौरान 21 जनवरी 2008 को सेंसेक्स 1,408 अंक या 7.4 प्रतिशत तक फिसल गया था।
पांचवां- कोविड-19 क्रैश (2020) भारत में जब कोरोना महामारी यानी कोविड 19 की शुरुआत हुई थी, जो इसका डर शेयर बाजार पर भी साफ देखने को मिला था और बाजार ने बड़ी गिरावट देखी थी। आपको बता दें कि साल 2020 की शुरुआत में कोविड-19 महामारी के प्रकोप ने सीरियस हेल्थ क्राइसिस को जन्म दिया था और भारत में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया गया था। इकोनॉमिक एक्टिविटीज पूरी तरह से ठप हो जाने की उम्मीद ने बाजार में भूचाल ला दिया था। 23 मार्च, 2020 को तो सेंसेक्स 3,935 अंक या 13.2 प्रतिशत तक टूट गया था।