गौरव गोगोई (फोटो-सोशल मीडिया)
गुहावटीः असम के नव नियुक्त कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद गौरव गोगोई ने सरहदी इलाके में लोगों को शस्त्र लाइसेंस के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की। गोगोई ने हिमंता सरकार की निंदा करते हुए इसे तत्काल वापिस लेने को कहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह नीति असम के लोगों के लिए हानिकारक है और जनता के बजाय सत्तारूढ़ पार्टी के हितों की सेवा करती है।
गोगोई ने तर्क दिया कि असम के लोग बंदूकों की तुलना में पानी, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को प्राथमिकता देते हैं। गोगोई ने चिंता व्यक्त की कि नई नीति से फर्जी मुठभेड़ों में वृद्धि हो सकती है। उन्होंने हाल ही में असम सरकार द्वारा पुलिस मुठभेड़ों से निपटने की सुप्रीम कोर्ट की आलोचना का हवाला दिया।
भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं के पास जाएगा हथियार
गोगोई ने चेतावनी दी कि ईमानदार दुकानदारों और व्यापारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। बंदूकें संभवतः भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं के पास पहुंच सकती हैं। गोगोई ने कहा कि असम के लोगों को पानी, रोजगार, शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं चाहिए, बंदूकें नहीं। कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को फटकार लगाई थी कि वह पुलिस पर दबाव डालकर जबरन एनकाउंटर करवा रही है। नई नीति के तहत और भी फर्जी एनकाउंटर हो सकते हैं।
ईमानदार लोगों की बढ़ेंगी मुश्किलेंः गोगोई
कांग्रेस नेता का कहना है कि आने वाले दिनों में वहां के ईमानदार दुकानदारों, व्यापारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। ये सारी बंदूकें भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं के पास चली जाएंगी। मौजूदा सरकार ने बेहद निंदनीय नीति बनाई है। उन्हें इस नीति को वापस लेना चाहिए। 29 मई को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में असम राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य के संवेदनशील, दूरदराज और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले मूल निवासियों और स्वदेशी भारतीय नागरिकों को हथियार लाइसेंस देने का फैसला किया था। यह फैसला क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए लिया गया था।
सीएम ने क्यों लिया फैसला
गुवाहाटी के लोक सेवा भवन में सीएम सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में हथियार लाइसेंस देने की विशेष योजना को मंजूरी दी गई। असम के मुख्यमंत्री ने कहा, “यह योजना गैरकानूनी धमकियों के लिए निवारक के रूप में कार्य करेगी और ऐसे व्यक्तियों और समुदायों की व्यक्तिगत सुरक्षा और आत्मविश्वास को बढ़ाएगी।