
ईरान ने बहरीन कुवैत और सऊदी तक उठाए सवाल, (डिजाइन फोटो)
Iran UAE Dispute: गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) ने ईरान के हालिया दावों पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की है। ईरान ने बयान जारी कर दावा किया था कि यूएई के तीन द्वीप-ग्रेटर टनब, लेसर टनब और अबू मूसा उसके क्षेत्र का हिस्सा हैं।
इसके अलावा ईरान ने सऊदी अरब और कुवैत के संयुक्त दुर्रा ऑफशोर ऑयल फील्ड पर अधिकार जताया और बहरीन की संप्रभुता पर भी सवाल उठाए। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाघेई और संसदीय अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर गालिबाफ ने इन दावों को सार्वजनिक रूप से दोहराया था।
GCC महासचिव जासेम अल-बुदैवी ने इन बयानों को गलत, भ्रामक और बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि ईरान के दावे न केवल अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि उन सिद्धांतों के भी खिलाफ हैं, जिनमें किसी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने और पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखने की बात कही गई है।
अल-बुदैवी ने चेतावनी दी कि ऐसे बयान GCC देशों द्वारा ईरान के साथ संबंध सुधारने के लिए किए जा रहे प्रयासों को नुकसान पहुंचाते हैं। उनके अनुसार, खाड़ी देश हमेशा क्षेत्र में शांति, सहयोग और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं। GCC ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों संप्रभुता का सम्मान, विवादों का शांतिपूर्ण समाधान और बल प्रयोग से बचने की आवश्यकता को दोहराया।
GCC ने इस बात की भी याद दिलाई कि ईरान ने जून में कतर पर हमला कर इन सिद्धांतों का पहले भी उल्लंघन किया था। साथ ही परिषद ने यह भी बताया कि हाल ही में GCC देशों और ईरान के विदेश मंत्रियों के बीच बैठकों में दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग पर चर्चा की थी। परंतु ईरान की ओर से ऐसे भड़काऊ बयान जारी करना संवाद और विश्वास बढ़ाने के प्रयासों को कमजोर करता है।
ग्रेटर टनब, लेसर टनब और अबू मूसा पर्शियन गल्फ में स्थित रणनीतिक द्वीप हैं। 1971 में यूएई के गठन से ठीक पहले ईरान ने इन पर नियंत्रण कर लिया था। यूएई इन द्वीपों को अपना ऐतिहासिक और कानूनी हिस्सा बताता है, जबकि ईरान इन्हें अपने क्षेत्र का अभिन्न भाग मानता है।
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ये द्वीप इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये हॉर्मुज स्ट्रैट के बेहद पास स्थित हैं जहां से दुनिया का लगभग 20% कच्चा तेल समुद्री मार्ग से गुजरता है। इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव से वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा पर भी असर पड़ सकता है। GCC ने अंत में स्पष्ट कहा कि ईरान झूठे और भ्रामक दावे करना बंद करे और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए रचनात्मक संवाद पर जोर दे।






