असम में बाढ़ (सोर्स-सोशल मीडिया)
दिसपुर : असम में बार की तरह इस बार भी ब्रह्मपुत्र विकराल रूप धारण किए हुए है। राज्य में बाढ़ से स्थिति काफी भयावह बनी हुई है। बाढ़ से हालात ऐसे हैं कि मैदानी इलाके भी संमदर में तब्दील हो चुके हैं। किसानों के खेत डूबे हुए हैं। वहीं, राज्ये के कई जिलों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त चुका है।
असम में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है जिसके चलते रविवार को आठ और लोगों की मौत हो गई। एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन में कहा गया कि धुबरी और नलबाड़ी में दो-दो, कछार, गोलपाड़ा, धेमाजी तथा शिवसागर में एक-एक व्यक्ति की मौत की सूचना मिली है।
इसके साथ ही इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान से मरने वालों की संख्या बढ़कर 78 हो गई है। अधिकारियों ने कहा कि कुल मिलाकर 28 जिलों के 22,74,289 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और 7,54,791 प्रभावित लोगों के साथ धुबरी में स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर है।
राज्य में 269 राहत शिविरों में 53,689 लोगों ने आश्रय ले रखा है। ब्रह्मपुत्र नदी नेमाटीघाट, तेजपुर और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। खोवांग में बुरहीडीहिंग नदी, शिवसागर में दिखौ, नंगलामुराघाट में दिसांग, नुमालीगढ़ में धनसिरी, धरमतुल में कोपिली, बारपेटा में बेकी, गोलकगंज में संकोश, बीपी घाट में बराक और करीमगंज में कुशियारा नदी खतरे के निशान को पार कर गई हैं।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने राज्य में बाढ़ के चलते पैदा हालातों के बीच रविवार को कामरूप जिले में राहत शिविरों का दौरा किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों की स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने एलपी स्कूल, नाहिरा में एक राहत शिविर में शरण लिए लोगों से भी मुलाकात की। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि एचसीएम ने शिविर में उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया और उपायुक्त (कामरूप) को दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित करने और बच्चों व बुजुर्गों की जरूरतों का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया।