यवतमाल न्यूज
Yavatmal News In Hindi: सोशल मीडिया की लत और जीवन की मुश्किलों का सामना न कर पाने की आदत के कारण कई विद्यार्थी आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में विद्यार्थियों के जीवन में उम्मीद और खुशियाँ जगाने के लिए “प्रेरणा प्रकल्प आगे आया है।
बुधवार से पूरे जिले में ‘लेट्स टॉक’नामक अभियान शुरू किया जा रहा है। बदलती जीवनशैली के कारण वयस्कों के साथ-साथ नाबालिग बच्चे भी गहरे तनाव में जी रहे हैं। चाहे परीक्षा में असफलता हो या प्रेम संबंधों में दरार, छात्र ऐसे छोटे-छोटे आघातों से भी टूट जाते हैं।
मानसिक रूप से टूटने की यह प्रक्रिया सीधे आत्महत्या की ओर ले जाती है। इसी कारण केंद्र सरकार ने 10 सितंबर को ‘आत्महत्या रोकथाम दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत, ‘जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम’ और ‘प्रेरणा परियोजना’ के माध्यम से जिला, तालुका और ग्राम स्तर पर कई गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी। इनमें प्रमुख अभियान लेटस टॉक है। यवतमाल जिले में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा विकराल होता जा रहा है।
अकेले जनवरी से अगस्त तक लगभग साढ़े तीन सौ किसान आत्महत्या कर चुके हैं। ऐसे किसानों को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए आशा सेवकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को भी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसी संदर्भ में, जिले में 10 से 16 सितंबर तक ‘मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह’ मनाया जाएगा।
स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों में जाकर छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण दिया जाएगा। जीवन की कठिनाइयों का सामना कैसे करें। शिक्षकों द्वारा परीक्षा और दबाव पर खुली चर्चा, निराशा पर काबू पाने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन किया जाएगा।
आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या केवल यवतमाल या भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। इसीलिए केंद्र सरकार ने 10 सितंबर को ‘आत्महत्या रोकथाम दिवस’ घोषित किया है। इस वर्ष का विषय है ‘आत्महत्या की धारणा में बदलाव। इसके तहत जिले में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
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यवतमाल जिला सर्जन डॉ सुखदेव राठौड़ ने कहा है कि आत्महत्या रोकने के लिए समाज में जागरूकता आवश्यक है। इस अभियान के साथ संवाद के लिए एक मंच तैयार किया जाएगा। यह कार्यक्रम मन में उठ रहे नकारात्मक विचारों और निराशाओं को दूर करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा। इसका सकारात्मक संदेश छात्रों के साथ-साथ किसानों तक भी पहुँचेगा।