केमिकल फैक्ट्री में टिन शेड गिरा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
यवतमाल: महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के झरी तालुका अंतर्गत गणेशपुर गांव में बुधवार देर रात एक दर्दनाक औद्योगिक हादसा हुआ, जिसने मजदूरों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। तेज बारिश और तूफानी हवाओं के कारण एक केमिकल फैक्ट्री का टिन का शेड अचानक गिर गया, जिसमें काम कर रही 21 वर्षीय महिला मजदूर गंगा सुग्रीवलाल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सात अन्य श्रमिक घायल हो गए।
यह हादसा रात करीब 11 बजे हुआ, जब गणेशपुर स्थित ‘डीलाईट केमिकल फैक्ट्री’ में रात्रिकालीन पाली में मजदूर काम कर रहे थे। अचानक मौसम बिगड़ा, हवा तेज हुई और फिर देखते ही देखते फैक्ट्री का विशाल टिन शेड भरभराकर गिर पड़ा। मलबे के नीचे कई मजदूर दब गए। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग और पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया गया।
मृतक महिला मजदूर गंगा सुग्रीवलाल छत्तीसगढ़ के पेरीटोला गांव की रहने वाली थी और कुछ समय से इस फैक्ट्री में काम कर रही थी। हादसे में घायल हुए अन्य श्रमिकों में सचिन दिलीप चांदेकर (कृष्णापुर), पुष्पा उइके, नामदेव उइके, लता तलांडे (सभी रैयेरगांव निवासी), डोमा भरणे (सगनापुर), मीनाबाई आत्राम और निराशा कंवर (दोनों छत्तीसगढ़ निवासी) शामिल हैं। इन सभी को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक चिकित्सा के बाद कुछ को छुट्टी दे दी गई।
हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि जब मौसम विभाग ने तेज बारिश और हवाओं की चेतावनी पहले ही दी थी, तब भी फैक्ट्री प्रबंधन ने मजदूरों से रात के समय काम क्यों करवाया? क्या शेड की संरचना कमजोर थी? क्या सुरक्षा मानकों का पालन हो रहा था? ये सारे सवाल अब जांच के दायरे में हैं।
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घटना की सूचना मिलते ही मुकुटबन पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है और फॉरेंसिक टीम से दुर्घटना के तकनीकी कारणों की जाँच करवाई जा रही है। प्रशासन ने फैक्ट्री की संरचनात्मक मजबूती, लाइसेंस और सुरक्षा मानकों की समीक्षा के आदेश दिए हैं।
यह हादसा सिर्फ एक निर्माण की गिरावट नहीं, बल्कि मजदूरों की जिंदगियों से जुड़ा सवाल है। हादसे के बाद मजदूरों और उनके संगठनों में भारी रोष है। पीड़ित परिवारों के लिए उचित मुआवज़े, स्थायी नौकरी और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग ज़ोर पकड़ रही है।
गणेशपुर की इस फैक्ट्री में हुआ हादसा एक बार फिर यह बताता है कि जब तक मजदूरों की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी, तब तक श्रमिकों की ज़िंदगी जोखिम में ही रहेगी। मृतक गंगा सुग्रीवलाल के परिजनों के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है, और घायलों के लिए यह घटना आजीवन दर्द का सबब बन सकती है। अब यह ज़िम्मेदारी प्रशासन और कंपनी की है कि वे पीड़ितों को न्याय दिलाएं और भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं।