यूबीटी का लोटांगण प्रदर्शन (सौ. सोशल मीडिया )
Yavatmal News In Hindi: महाराष्ट्र में बीते महीने हुई भारी बारिश ने तबाही मचा दी।राज्य के लगभग 30 जिलों में अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ, कई जगहों पर तो खेतों की मिट्टी तक बह गई। इसके बावजूद सरकार ने अब तक किसानों को कोई आर्थिक मदद नहीं दी है। वहीं पिछले विधानसभा चुनाव से पहले दी गई कर्जमाफी की घोषणा भी अधूरी ही रह गई।
इन्हीं मुद्दों को लेकर वणी में (उबाठा) शिवसेना द्वारा जोरदार और अनोखे अंदाज़ में आंदोलन किया गया। राज्य के आदिवासी विकास मंत्री और चंद्रपुर के पालकमंत्री प्रो। अशोक उईके के वणी दौरे के दौरान शिवसैनिकों ने काले झंडे दिखाकर सरकार और मंत्री के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। उईके जैसे ही विश्रामगृह से बैठक स्थल की ओर रवाना हुए, बस स्टैंड के पास जिला प्रमुख संजय निखाडे के नेतृत्व में शिवसैनिक अचानक मंत्री के वाहन के सामने आ गए।
शिवसैनिकों ने “राज्य में गीला सूखा घोषित करो”, “किसानों का कर्ज माफ करो”, “सोयाबीन को विशेष पैकेज दो” जैसे नारे लगाते हुए पालकमंत्री की गाड़ी के सामने लोटांगण कर विरोध जताया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन शिवसैनिकों की गनिमी रणनीति के आगे पुलिस कुछ देर तक हतप्रभ रह गई।
एक ही समय पर कई दिशाओं से काले झंडे लेकर शिवसैनिक मंत्री की गाड़ी के सामने दौड़ पड़े और लोटांगण कर दिया। कुछ ही पलों में माहौल गर्मा गया। बाद में जिल्हा प्रमुख संजय निखाडे, तहसील प्रमुख विनोद ढुमणे, शहर प्रमुख सुधीर थेरे, राजु तुराणकर, गीता उपरे सहित 12 उबाठा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। कार्यकर्ताओं ने अपनी रणनीति से इस आंदोलन को पूरी तरह सफल बना दिया।
शिवसेना द्वारा किसानों के हितों के लिए अपनाए गए आक्रमक रुख को देखकर वणी शहर में समीक्षा बैठक के लिए आए मंत्री अशोक उईके बिना बैठक किए ही वापस लौट गए।इस घटना से यह साफ हो गया है कि सरकार जनता के गुस्से से डर गई है।अगर सरकार की वास्तव में किसानों की मदद करने की मंशा होती, तो मंत्री उईके मौके पर ही शिवसैनिकों से संवाद करते और किसानों की समस्याओं पर चर्चा करते। लेकिन महायुति सरकार और उनके मंत्री किसानों के मुद्दों से लगातार भाग रहे हैं। इसी से स्पष्ट होता है कि सत्ताधारी सरकार पल्ला झाड़ रही है। ऐसा विधायक संजय देरकार ने प्रेस वार्ता के जरिये कहा।
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मंत्री अशोक उईके ने वणी मे एक आढावा बैठक आयोजित की थी। वणी विधानसभा क्षेत्र के मारेगांव और झरी जैसे आदिवासी बहुल तालुकों में बैठक होने की अपेक्षा थी, लेकिन इसके बजाय मंत्री उईके ने वणी तहसील को बैठक स्थल के रूप में चुना। इस बैठक को लेकर यह स्पष्ट नहीं हो सका कि यह शासन की बैठक थी या भाजपा की पार्टी बैठक। वहीं, इस बैठक से मौजूदा विधायक संजय देरकर को पूरी तरह से दूर रखा गया।प्रशासन की इस पक्षपाती भूमिका से विधायक संजय देरकर बेहद नाराज़ और आक्रोशित नज़र आए।