उमरखेड़ में आधी रात मचा खूनी तांडव। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
यवतमाल: रविवार देर रात उमरखेड़ शहर में दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प ने एक युवक की जान ले ली और 2 अन्य को गंभीर रूप से घायल कर दिया। यह घटना शहर के सबसे व्यस्त साप्ताहिक बाजार परिसर में हुई, जहां चाकू, तलवार और लोहे की छड़ों से लैस हमलावरों ने एक 23 वर्षीय युवक पर बेरहमी से हमला कर उसकी हत्या कर दी। घटना के बाद पूरे शहर में दहशत का माहौल है और पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।
अजहर शेख अकबर (उम्र 23 वर्ष) को गंभीर रूप से घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शेख मुदस्सीर शेख जमीर (27 वर्ष) और शेख आरिफ शेख निसार (22 वर्ष) का ईलाज स्थानीय सरकारी अस्पताल में जारी है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविवार की शाम ताजपुरा मोहल्ले में दो गुटों के बीच किसी बात को लेकर बहस हुई थी, जो बाद में हिंसक झड़प में बदल गई। बताया गया कि दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दी थी। उसी रंजिश के चलते रात लगभग 12:30 बजे दोनों गुट साप्ताहिक बाजार क्षेत्र में आमने-सामने आ गए। शिकायतकर्ता शेख खालिद शेख अकबर (मृतक के बड़े भाई) के अनुसार, आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से अजहर पर हमला किया। उन्होंने बताया कि शेख मुदस्सीर, शेख सोहेल, शेख उबेद, शेख आरिश और उनके अन्य साथियों ने मिलकर हथियारों से हमला किया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावरों ने तेज धारदार चाकू, तलवार और लोहे की रॉड से मृतक अजहर के शरीर के विभिन्न हिस्सों — गर्दन, पीठ और पेट — पर ताबड़तोड़ वार किए। घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने घायल अवस्था में अजहर को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
घटना की जानकारी मिलते ही उमरखेड़ पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायज़ा लिया और तत्काल हत्या व हत्या के प्रयास सहित गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया। थाना प्रभारी के अनुसार, सभी आरोपी चिन्हित किए जा चुके हैं और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास तेज़ कर दिए गए हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि घटना आपसी रंजिश का परिणाम थी या इसके पीछे किसी बड़े गिरोह की भूमिका है।
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का कायराना हमला, नागपुर के जांबाज़ आईपीएस आकाश राव गिरीपुंजे शहीद
यह घटना समाज में पनप रही हिंसक प्रवृत्तियों और युवाओं में बढ़ती आपराधिक मानसिकता की ओर इशारा करती है। नागरिकों और प्रशासन को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के प्रयास तेज़ करने होंगे। युवाओं को शिक्षा, रोजगार और सही मार्गदर्शन की ज़रूरत पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है।