
कोयला खदान में विस्फोट (AI Generated Image)
Yavatmal Coal Transport Stopped: वणी संभाग में बार-बार की गई शिकायतों के बावजूद घोन्सा खुली कोयला खदान में हो रहे तीव्र विस्फोट बंद नहीं किए गए। परिणामस्वरूप 23 दिसंबर की शाम हुए विस्फोट के बाद खदान के पत्थर आसपास के खेतों तक आ गिरे। इसी दौरान खेत में कपास तोड़ने का काम कर रही एक महिला के ऊपर पत्थर गिर गया, जिससे उसके पैर में गंभीर चोट आई।
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने वेकोलि अधिकारियों से फोन पर जवाब मांगने का प्रयास किया, लेकिन किसी भी अधिकारी ने फोन नहीं उठाया और न ही कोई अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचा। इस मामले में वेकोलि के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग ग्रामीणों ने की है। मंगलवार को घोन्सा के डॉ. मनोहर धवने के खेत में प्रणाली रविंद्र जरीले (29) सहित 11 महिलाएं कपास तोड़ने का काम कर रही थीं।
धवने का खेत वेकोलि की खदान से कुछ ही दूरी पर स्थित है। शाम करीब 4:45 बजे वेकोलि की खदान में कोयला उत्खनन के लिए अचानक विस्फोट किया गया। विस्फोट के कारण खदान के बड़े-बड़े पत्थर धवने के खेत सहित आसपास के खेतों में आ गिरे। एक पत्थर अपनी ओर आता देख प्रणाली झुक गई, लेकिन वह पत्थर उसके पैर पर गिर गया, जिससे उसे गंभीर चोट आई।
घटना की जानकारी मिलते ही घोन्सा गांव के नागरिक घटनास्थल पर पहुंचे। सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप काकड़े ने इस संबंध में वेकोलि अधिकारियों से फोन पर जवाब मांगने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने टालमटोल वाले जवाब दिए। गंभीर बात यह रही कि एक भी अधिकारी घटनास्थल पर नहीं आया। घटना के बाद घायल प्रणाली को एंबुलेंस से तुरंत वणी के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।
इस घटना के बाद घोन्सा के नागरिकों में भारी आक्रोश फैल गया। वेकोलि अधिकारी घटना की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होने से ग्रामीणों का गुस्सा और बढ़ गया। संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने खदान से होने वाले कोयला परिवहन को रोक दिया। देर रात तक इस मार्ग पर कोयला ट्रकों की लंबी कतारें लगी रहीं।
यह भी पढ़ें – ‘…मानो रूस-यूक्रेन का गठबंधन हो,’ उद्धव-राज की गठजोड़ पर फडणवीस का तंज, बोले- कोई फर्क नहीं पड़ेगा
ग्रामीणों के आक्रोश और स्थिति के बिगड़ने की आशंका को देखते हुए वणी पुलिस का दल घटनास्थल पर पहुंचा। ग्रामीणों ने मांग की है कि जब तक संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जाता, तब तक परिवहन शुरू न किया जाए।
इससे पहले डॉ. मनोहर धवने ने विस्फोट के बाद खेतों में बड़ी मात्रा में पत्थर गिरने की शिकायत करते हुए विस्फोट की तीव्रता कम करने की लिखित मांग कई बार वेकोलि से की थी। लेकिन वेकोलि ने इन सभी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि अब भी इस कोयला खदान में अत्यधिक तीव्र विस्फोट किए जा रहे हैं।






