परीक्षा केंद्रों के बाहर दिखे नकलची
यवतमाल: राज्य में 10वीं कक्षा की परीक्षाएं 21 फरवरी से शुरू है। शिक्षा विभाग ने विभिन्न टीमें गठित कर परीक्षा को नकल मुक्त बनाने का प्रयास किया है। परीक्षा बोर्ड जहां एक ओर नकल-मुक्त परीक्षा अभियान चला रहा है, वहीं दूसरी ओर यवतमाल जिले की दिग्रस तहसील के डेहनी और वडगांव (डाकरे) परीक्षा केंद्रों पर 10वीं कक्षा की परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल की खबरें आ रही हैं। इसका खुलासा 3 मार्च के हिंदी पेपर में हुआ। खिड़की के बाहर से कॉपियां पहुंचाने में नाबालिग भी शामिल थे।
देश की राष्ट्रीय भाषा कही जाने वाली हिंदी जैसे विषय के लिए भी कॉपियां उपलब्ध कराना चिंता का विषय है। दिग्रस तहसील के डेहनी में संत बाबानाजी महाराज कॉलेज और वडगांव (डाकरे) में स्व. मोहन चव्हाण विद्यालय के दोनों परीक्षा केंद्रों पर नकल मुक्त अभियान की धज्जियां उड़ते दिखी।
सोमवार को इन केंद्रों पर सुबह 11 बजे हिंदी का पेपर शुरू हुआ। इस बीच, नकल पहुंचाने के लिए बाहरी युवाओं को स्कूल परिसर में चढ़ते, खिड़की से लटकते और अपने चेहरों पर रूमाल बांधते हुए छात्रों को नकल उपलब्ध कराते हुए देखा गया।
परीक्षा केंद्र पर केंद्राध्यक्ष, पर्यवेक्षक और पुलिस प्रशासन की नियुक्ति के बाद भी नकलचियों ने यहां अराजकता मचाई। हालांकि यह सब केंद्राध्यक्ष की मौजूदगी में हो रहा था, लेकिन इसे रोकने की बजाय केंद्राध्यक्ष ने मामले को नजरअंदाज कर दिया और नकलचियों ने सारे नियम तोड़कर अपनी जान जोखिम में डालकर अपने नजदीकी छात्रों को नकल उपलब्ध कराई।
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इस संबंध में दोनों परीक्षा केंद्रों के केंद्राध्यक्ष महिपाल और लाखेकर से मोबाइल फोन पर संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। इस प्रकार की नकल के संबंध में दिग्रस तहसील नकल मुक्त अभियान के प्रमुख मयूर राउत ने कहा कि नकल की घटना लोगों के संज्ञान में नहीं आई है, लेकिन यदि ऐसी कोई बात हुई है तो इस पर रोक लगाने के लिए उड़न दस्ते के माध्यम से गश्ती की जाएगी।