शिवसेना (यूबीटी) नेता नागोराव ठेंगडे (फोटो नवभारत)
Washim Politics: वाशिम की राजनीति में बड़ा उलटफेर सामने आया है। शिवसेना (यूबीटी) के उपजिला प्रमुख नागोराव ठेंगडे ने आगामी नगर परिषद चुनाव में अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी से जुड़े विवाद को लेकर अपना पद छोड़ दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ठेंगडे ने वरिष्ठ नेताओं पर अन्याय और उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की घोषणा की।
नागोराव ठेंगडे ने बताया कि वाशिम नगर परिषद चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) संगठन ने उनके नाम को अध्यक्ष पद के लिए अंतिम रूप से आगे बढ़ाया था। लेकिन अचानक जिला प्रमुख सुरेश मापारी और सांसद संजय देशमुख द्वारा उनका नाम दरकिनार कर दिया गया।
उनका आरोप है कि वरिष्ठ नेताओं के इस रवैये से न सिर्फ उनके साथ, बल्कि उनके समाज के साथ भी अन्याय हुआ है। इसी के चलते उन्होंने उपजिला प्रमुख पद से स्थायी रूप से इस्तीफा देते हुए कहा कि मैं अंतिम जय महाराष्ट्र कर रहा हूं।
इस्तीफा देते हुए ठेंगडे ने भावुक होकर कहा कि वह अभी भी उद्धव बालासाहेब ठाकरे की पार्टी के वफादार शिवसैनिक हैं। उन्होंने कहा कि कई पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ता अन्य दलों में चले गए, मगर वह संगठन के प्रति ईमानदार रहे।
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ठेंगडे ने इस्तीफे के साथ पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को एक पत्र भी भेजा है। इसमें उन्होंने वरिष्ठ नेताओं पर मनमानी, शिवसैनिकों के विश्वासघात, एकतरफा फैसलों और बाहर से आए उम्मीदवारों को तरजीह देने का आरोप लगाया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 20-25 वर्षों से संगठन में सक्रिय और वफादार रहे नागोराव ठेंगडे का इस्तीफा चुनावी माहौल में शिवसेना (यूबीटी) के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। वाशिम में नगर परिषद चुनाव से पहले हुई इस घटना ने राजनीतिक हलकों में नई हलचल पैदा कर दी है।