ई-बसेस और चार्जिंग स्टेशन (सौजन्य-नवभारत)
Wardha E-Buses: सुरक्षित और आरामदायक यात्रा की गारंटी राज्य परिवहन महामंडल देता है। इसी वजह से नागरिक भी यात्रा के लिए रापम की बसों को प्राथमिकता देते हैं। वर्धा विभाग को अब 12 नई ई-बसेस मिली हैं, जो यात्रियों को बेहतर परिवहन सेवा प्रदान करने में मदद करेंगी। इन नई ई-बसेस के संचालन और रूट प्लानिंग का काम वर्धा और हिंगनघाट डिपो द्वारा किया जाएगा।
वर्धा जिले में रापम के पांच डिपो हैं, जिसमें वर्धा, पुलगांव, आर्वी, हिंगनघाट और तलेगांव शापं का समावेश है। इन डिपो से रोज़ाना शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बसें रवाना होती हैं। वर्धा विभाग के पास फिलहाल 223 डीजल बसें हैं, जिनके जरिए यात्रियों को उच्च गुणवत्ता वाली परिवहन सेवा देने का प्रयास किया जा रहा है।
17 तारीख को वर्धा विभाग की फ्लीट में 12 नई ई-बसेस शामिल की गईं। इसमें से 9 मीटर की 1 बस और 12 मीटर की 11 बसें शामिल हैं। इनमें से 12 मीटर की 3 बसें हिंगनघाट डिपो को और 12 मीटर की 8 बसें व 9 मीटर की 1 बस वर्धा डिपो को दी जाएंगी।
दोनों डिपो इन बसों के रूट प्लानिंग और संचालन की जिम्मेदारी संभालेंगे। आगामी बुधवार को इन ई-बसेस का लोकार्पण किया जाएगा और जल्द ही इन्हें सड़क पर यात्रियों की सेवा के लिए उतारा जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, ई-बसेस पर्यावरण के अनुकूल हैं। वर्धा विभाग में शामिल नई ई-बसेस संभावित वायु प्रदूषण को कम करने में मददगार साबित होंगी। वर्धा विभाग का नियंत्रण कार्यालय सेवाग्राम मार्ग के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है। इसी परिसर में विभागीय कार्यशाला के साथ-साथ ई-बसेस के लिए चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किया गया है।
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सुरक्षित यात्रा की ग्यारंटी रापम देती है। इसी कारण यात्री रापम की बसों को प्राथमिकता देते हैं। वर्धा विभाग को प्राप्त नई 12 ई-बसेस नागपुर, अमरावती और यवतमाल के लिए भी भेजी जाएंगी, जबकि अकोला के लिए भी योजना बनाई जा रही है। जल्द ही ये बसें यात्रियों को सेवा देने के लिए सड़क पर दौड़ेंगी।
– भगवान जगनोर, विभाग नियंत्रक, रापम