
वर्धा न्यूज
Wardha News: शहर से सटे पिपरी (मेघे) सहित 13 गांवों के लिए चलाई जा रही प्रादेशिक जलापूर्ति योजना लड़खड़ाती नजर आ रही है। इस क्षेत्र में जिला परिषद व ग्राम पंचायतों द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल कनेक्शन देते समय महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण (मजिप्रा) को विश्वास में नहीं लिया गया। परिणामस्वरूप अधिकांश कनेक्शन अनधिकृत रूप से दिए गए।
इन कनेक्शनों का अपडेट न होने के कारण जलापूर्ति सेवा प्रभावित हो रही है और मजिप्रा पर आर्थिक बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। जानकारी के अनुसार, उपरोक्त 14 गांवों में लगभग 39 हजार नल कनेक्शन बताए गए हैं। इनमें से 22 हजार नल कनेक्शन का ही पंजीयन मजिप्रा के पास है, जबकि आज भी 17 हजार कनेक्शन का पंजीयन शेष है।
वहीं जल जीवन मिशन के अंतर्गत क्षेत्र में लगभग 12 हजार नए नल कनेक्शन दिए गए थे, जिनमें से केवल 3 हजार कनेक्शन ही अपडेट हो पाए हैं। शेष करीब 9 हजार नल कनेक्शन अब भी अपडेट नहीं हुए हैं। अतिरिक्त कनेक्शनों के कारण बढ़े जल उपयोग को देखते हुए मजिप्रा ने जिला परिषद प्रशासन से 5 करोड़ 20 लाख रुपये की दायित्व राशि की मांग की है।
इस संबंध में मजिप्रा द्वारा जिला परिषद को पत्र भी जारी किया गया है, लेकिन अब तक उक्त राशि प्राप्त नहीं हुई है। इसके चलते मजिप्रा की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। शहर से सटे पिपरी (मेघे) सहित 13 गांवों के लिए यह प्रादेशिक जलापूर्ति योजना कार्यान्वित है, जिसका संपूर्ण नियंत्रण मजिप्रा के पास है। प्रारंभ में इस योजना में 10 गांव शामिल थे, बाद में वर्ष 2017 में इसमें चार गांव जोड़े गए। नल कनेक्शन बढ़ने से पानी की मांग में भी भारी वृद्धि हुई। वर्ष 2020 में योजना की जलशुद्धीकरण क्षमता संकट में आ गई।
मूल योजना के अंतर्गत लगभग 20 हजार परिवार लाभार्थी थे, लेकिन जिला परिषद के ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा जल जीवन मिशन के तहत बड़ी संख्या में अतिरिक्त नल कनेक्शन जोड़ दिए गए। इसके कारण प्रादेशिक जलापूर्ति योजना पर अत्यधिक दबाव बढ़ गया। मजिप्रा द्वारा आपत्ति दर्ज कराने के बाद कुछ कनेक्शन अपडेट किए गए, लेकिन आज भी करीब 9 हजार कनेक्शन अनधिकृत बताए जा रहे हैं।
पाइंटर
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इन कनेक्शनों के अपडेट न होने से पुराने उपभोक्ताओं तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पा रहा है और कई तकनीकी खामियां सामने आ रही हैं। यदि यही स्थिति बनी रही, तो भविष्य में क्षेत्र में गंभीर जलसंकट की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है। इसे ध्यान में रखते हुए मजिप्रा की सूचना पर फिलहाल नए नल कनेक्शन देने पर रोक लगाए जाने की जानकारी है।
जल जीवन मिशन के अंतर्गत दिए गए अतिरिक्त नल कनेक्शनों के कारण मजिप्रा पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। नए कनेक्शन अपडेट न होने से बिलों की वसूली भी सुचारू रूप से नहीं हो पा रही है। इसे देखते हुए मजिप्रा ने जिला परिषद द्वारा दिए गए नए कनेक्शनों की जिम्मेदारी लेने तथा दायित्व राशि प्रदान करने की मांग की है। इस संदर्भ में जिला परिषद प्रशासन से 5 करोड़ 20 लाख रुपये की मांग की गई है, लेकिन अब तक यह राशि मजिप्रा को प्राप्त नहीं हुई है।
– नवभारत लाइव के लिए वर्धा से विशाल कट्टोजवार की रिपोर्ट






