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वर्धा. किसानों ने खेत से सोयाबीन निकालकर जमा किया जा रहा है़ सोयाबीन यह स्वपरागसिंचित फसल है़ इस फसल के सभी वाण सीधे वाण है, जिससे प्रति वर्ष बीज बदलने की जरूरत नहीं है. एक बार बीज उपयोग में लाने के बाद उससे उत्पादित बीज अगले 2 वर्ष तक उपयोग में लाए जा सकते है़ इससे इस वर्ष का सोयाबीन घर में जतन कर अगले मौसम के उपयोग में लाएं. यह आह्वान कृषि विभाग ने किसानों से किया है.
सोयाबीन जमाकर रखते समय इस प्रकार अहतियात बरतना जरूरी है़ पूर्णत: सूखा सोयाबीन स्वच्छ कर जुट बारदाना में जमा करें. बोरियों में साधारणत: 60 किलो तक बीज जमा करें. बीज घर में जमा करते समय बीजों की थप्पी 7 बोरियों से ज्यादा ऊंची नहीं होनी चाहिए. बीज उमस से भरी एवं गिली जगह पर जमा न करे. बीज जमा करने के पूर्व जमीन पर टट्टे अथवा लकड़ी अथवा पुरानी बोरियां डालकर वहां बीज जमा करें.
बोरियां सिलिंग करने के पूर्व बीजों की प्रत अच्छी है अथवा नहीं इसकी जांच करें. प्रत्येक बोरी की जांच कर जिस बोरी में कचरा, कंकड मिट्टी व गीले बीज दिखाई देने पर बोरी का सिलिंग नहीं करें. किसान स्वयं के पास सोयाबीन की 3 बार उगाही क्षमता की जांच कर ही बुआई करें. बीज जहा जमा किए जा रहे हैं, वहां बारिश का पानी नहीं आएगा, इसकी जांच करें. बीज व खाद एक जगह पर जमा करके न रखने की अपील जिला अधिक्षक कृषि अधिकारी अनिल इंगले ने की है.