वर्धा. मार्केट में खरीदी-बिक्री के दौरान ऑनलाइन लेन-देन का ट्रेंड काफी बढ़ गया है़ किंतु, कई बार ग्राहक ने ऑनलाइन रकम चुकाने के बाद व्यवसायी के खाते में जमा ही नहीं होती़ ऐसा ही कुछ मामला शहर में सामने आया़ 2 महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद व्यवसायी के डेढ़ लाख रुपए पेटीएम कंपनी के पास फंसे हुए है़ निरंतर प्रयास करने के बावजूद रकम वापस नहीं मिलने से व्यवसायी ने रोष किया है.
बैंक तथा एटीएम से जाकर रकम निकालना तथा कैश साथ में रखने में कई बार परेशानी आती है़ आज हर किसी के पास मोबाइल और इंटरनेट उपलब्ध है़ साथ ही प्रत्येक दूकान में ऑनलाइन लेन-देन की सुविधा उपलब्ध रहती है़ इससे लोगों में ऑनलाइन लेन-देन का प्रमाण काफी बढ़ गया है़ अनेक कंपनियां ऑनलाइन बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध करा रही है़ ऐसे में इन कंपनियों द्वारा रकम संबंधित व्यवसायी के खाते में ट्रान्सफर ही नहीं की जाती, जिससे नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
स्थानीय बढे चौक परिसर में प्रितम करंडे का रजनी ज्वेलर्स प्रतिष्ठान है़ उनकी दूकान से एक ग्राहक ने 25 अप्रैल को 1 लाख 50 हजार रुपयों के आभूषण खरीदी किए़ इस दौरान संबंधित ग्राहक ने पेटीएम पर ऑनलाइन पेमेंट किया था़ रकम पर 4,400 रुपयों का अतिरिक्त टैक्स लगने के कारण उन्होंने ट्रान्जेक्शन कैन्सल किया़ 8 से 10 दिनों में रकम वापस बैंक खाते में जमा की जाएगी, यह रजनी ज्वेलर्स के संचालक करंडे को कंपनी की ओर से बताया गया़ लेकिन 2 महीने से ज्यादा का समय बीतने के बावजूद रकम जमा नहीं हुई है, जिससे व्यवसायी में रोष व्याप्त है.
संबंधित व्यवसायी ने कंपनी के कॉल सेंटर से संपर्क कर रकम वापस करने के संबंध में शिकायत की़ लेकिन कंपनी के संबंधित अधिकारी निरंतर टालमटोल जवाब दे रहे है़ इससे व्यवसायी करंडे यह थाने में शिकायत दर्ज करने गए़ लेकिन पुलिस ने उन्हें कंपनी से संपर्क करने की बात कहकर वापस भेजा़ कंपनी की नीति के कारण व्यवसायी को मानसिक व आर्थिक समस्या से गुजरना पड़ रहा है.
ऑनलाइन ट्रान्जेक्शन के दौरान पेटीएम कंपनी में डेढ़ लाख रुपए फंसे हुए है़ कंपनी से निरंतर संपर्क करने के बावजूद टालमटोल जवाब दिए जा रहे़ परिणामश आर्थिक एवं मानसिक परेशानी हो रही है़ कंपनी ने 2 महीने तक डेढ़ लाख रुपए अपने पास रखे है़ ऐसे में ब्याज के साथ रकम वापस मिलनी चाहिए़ इसके लिए ग्राहक मंच में शिकायत करेंगे.
-प्रितम करंडे, संचालक, रजनी ज्वेलर्स.