
बफर सफारी का शुभारंभ कब? (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bor Tiger Reserve: प्रकृति की अद्भुत विविधता से सजा वर्धा जिले का बोर व्याघ्र परियोजना हर मौसम में पर्यटकों का केंद्र बिंदु रही है। परियोजना के ‘कोर क्षेत्र’ की तर्ज पर अब बफर क्षेत्र में भी जंगल सफारी शुरू करने की योजना बनाई गई है। सफारी ट्रैक तैयार है, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उद्घाटन का शुभमुहूर्त अभी तय नहीं किया गया है। बफर क्षेत्र में सफारी शुरू होने से वन पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर निर्मित होंगे।
कोर क्षेत्र की तरह बफर क्षेत्र की प्राकृतिक संपदा, वन्यजीव और खूबसूरत जंगल पर्यटकों को आकर्षित करेंगे। अनुमान है कि इस पहल से आसपास के लगभग 24 गांवों के युवाओं को व्याघ्र पर्यटन के माध्यम से रोजगार उपलब्ध होगा। परियोजना प्रशासन का लक्ष्य है कि इस क्षेत्र के युवाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाया जाए। यहाँ बाघों की अच्छी घनता है, जिससे पर्यटकों को रोमांचक अनुभव मिलेगा। कोर क्षेत्र की सफारी का आनंद लेने देशभर से पर्यटक व वीवीआईपी आते हैं, इसी अनुभव को बढ़ाते हुए बफर क्षेत्र को विकसित किया गया है।
आधुनिक टिकटघर, प्रवेशद्वार और अन्य आवश्यक संरचनाएँ तैयार हैं। शेष कार्य अंतिम चरण में है। सफारी शुरू होने के बाद पर्यटक एक ही स्थान पर “घने जंगल, ऊँचे पहाड़ और बाघ की दहाड़” का रोमांच महसूस कर सकेंगे। लेकिन वर्तमान में बफर सफारी के शुभारंभ के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की अंतिम मंजूरी लंबित है।
बफर क्षेत्र में लगभग 40 किमी लंबी सफारी का आनंद पर्यटक ले सकेंगे। वन विभाग ने बांगडापुर परिक्षेत्र के ढगा और हिंगणी परिक्षेत्र के रहाटी में प्रवेशद्वार निर्मित किए हैं। इन दोनों गेटों से प्रतिदिन 15 जिप्सियों को सफारी के लिए अनुमति दी जाएगी।
बोर व्याघ्र परियोजना सदैव पर्यटकों का आकर्षण केंद्र रही है। अब बफर क्षेत्र में सफारी शुरू होने से रोजगार और पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिलेगा। “वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में बफर क्षेत्र की सफारी बहुत जल्द शुरू की जाएगी। मंगेश ठेंगडी, उपसंचालक, बोर व्याघ्र प्रकल्प”
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