
तेंदुओं के बढ़ते हमले से दहशत! (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Tikhol Fata Protest: सोमवार सुबह पारनेर (जि. अहमदनगर) तालुका के पठारी इलाके में तेंदुओं के लगातार हमलों से तंग आकर सैकड़ों ग्रामीणों, किसानों और महिलाओं ने नगर-कल्याण हाईवे पर तिखोल फाटा पर सड़क जाम कर दिया। लगभग 45 मिनट तक हाईवे पूरी तरह ठप रहा। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि गांवों को तेंदुआ-मुक्त किया जाए, मृतक महिला के परिवार को तुरंत आर्थिक सहायता दी जाए, और आदमखोर तेंदुए को पकड़ा जाए।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि तेंदुए के हमले में मारी गई महिला भागुबाई खोड्डे के दशक्रिया के दौरान परिवार को सहायता ना दी गई, तो वे फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ऑफिस में ही दशक्रिया करेंगे।
पिछले मंगलवार (2 दिसंबर) को किन्ही निवासी 70 वर्षीय भागुबाई विश्वनाथ खोड्डे पर खेत में काम करते समय तेंदुए ने हमला कर दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इससे पहले भी कन्हुर पठार, बहिरोबावाड़ी, हिवरे कोरडा सहित कई गांवों में तेंदुए के हमले हो चुके हैं।
किन्ही, करंडी, तिखोल, बहिरोबावाड़ी, कन्हुर पठार, गोरेगांव, हिवरे कोरडा, काकनेवाड़ी जैसे गांवों में दहशत का माहौल है। शाम के बाद लोग घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं कर रहे। इसी को लेकर किसान नेता अनिल देठे की अगुवाई में तिखोल फाटा पर आंदोलन किया गया।
नेशनलिस्ट पार्टी के जिला अध्यक्ष अशोक सावंत ने कहा कि तालुका में ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं और तेंदुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो “न्याय की मांग के लिए जेल जाने से भी नहीं हिचकेंगे।” NCP नेता दीपक लंका ने कहा कि तेंदुओं को काबू करने के लिए इलाके में रेस्क्यू टीम तैनात की जाए।
शिवसेना तालुका प्रमुख डॉ. श्रीकांत पठारे ने किसानों को सुरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस जारी करने की मांग की। जनता राजा प्रतिष्ठान के अध्यक्ष किरण दुबे ने कहा कि “सरकार को इंसान चाहिए या तेंदुए?” और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की लापरवाही पर सवाल उठाए।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। प्रशासन ने पिंजरे लगाने, ट्रैंक्विलाइज़र स्क्वाड बुलाने, और मुआवजा देने का आश्वासन दिया, जिसके बाद आंदोलन समाप्त किया गया।
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किसान नेता अनिल देठे ने बताया कि पठारी क्षेत्र पहाड़ी होने के कारण तेंदुए अक्सर दिखाई देते हैं। उन्होंने बीस पिंजरे लगाने और तेंदुओं को बेहोश कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ने की मांग की। जिल्हा उपवन संरक्षक अधिकारी धर्मवीर सालविठ्ठल ने बताया कि जल्द ही 20 पिंजरे लगाए जाएंगे, तेंदुओं की नसबंदी का प्रस्ताव राज्य और केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, और पारनेर तालुका में विशेष रेस्क्यू टीम नियुक्त की जाएगी।






