-राजीत यादव
नवी मुंबई: सिडको (CIDCO) ने नवी मुंबई शहर (Navi Mumbai City) को बसाने की शुरुआत वाशी (Vashi) से की थी। जिसे उसने 1 से 30 सेक्टरों में विभाजित किया था। इसमें से सेक्टर-9 में सिडको द्वारा विभिन्न धर्मों के लोगों को धार्मिक स्थल (Religious Places) बनाने के लिए भूखंड दिया गया था। जिस पर मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च बनाए गए हैं। इस वजह से वाशी के सेक्टर-9 में काशी जैसा नजारा देखने को मिलता है। धार्मिक स्थलों की वजह से वाशी में पूजा सामग्री और धार्मिक ग्रंथों की बिक्री भी खूब होती है।
गौरतलब है कि नवी मुंबई के वाशी के सेक्टर-1 से 8 तक में आवासीय इमारतों का निर्माण किया गया है। वहीं सेक्टर-9 से 29 में आवासीय, वाणिज्यिक, शैक्षणिक संस्थानों की इमारतों और धार्मिक स्थलों का निर्माण किया गया। वाशी नोड के सेक्टर-17 को सिडको ने डिस्ट्रिक्ट बिजनेस सेंटर के तौर पर विकसित किया था, जिसमें आवासीय इमारतों की तुलना में वाणिज्यिक इमारतें ज्यादा बनाई गईं। जबकि वाशी के सेक्टर-30 में मॉल, सूचना प्रौद्योगिकी पार्क, पांच सितारा होटल, सिडको प्रदर्शनी केंद्र, विभिन्न राज्यों के भवन और वाशी रेलवे स्टेशन है।
वाशी के सेक्टर-9 में वाशी से कोपरखैरने की ओर जाने वाली मुख्य सड़क से जैन समाज का दिगंबर और श्वेतांबर मंदिर लगा हुआ है। वहीं यहां पर स्थित वाशी बस डिपो के पीछे वाली सड़क पर गुरुद्वारा, आर्य समाज मंदिर, झूलेलाल मंदिर, शिव विष्णु मंदिर, नूर मस्जिद और चर्च है। जहां पर उक्त सभी धर्म के लोगों द्वारा विभिन्न धार्मिक समारोह आयोजित कर के भाईचारे और एकता का संदेश दिया जाता है। इन सभी धार्मिक स्थलों की वजह से वाशी के अन्य सेक्टरों की तुलना में सेक्टर-9 की पहचान धर्म और आस्था वाले क्षेत्र के रूप में बनी हैं।
यहां के सेक्टर-19 में एपीएमसी (कृषि उपज बाजार समिति) बाजार है, जो भारत के सबसे बड़े बाजारों में से एक है। नवी मुंबई में वाशी सबसे पुराने और सबसे घनी आबादी वाले नोड्स में से एक है। यहां पर मुंबई और भारत के अन्य हिस्सों की कई कंपनियों ने कार्यालय स्थापित किए हैं। इसके अलावा अधिकांश नई कंपनियां वाशी में या उसके आसपास हैं। जिसकी वजह से वाशी में रोजगार के अवसर सबसे ज्यादा उपलब्ध हैं। इसी वजह से वाशी के प्रति लोगों का आकर्षण कई गुना बढ़ गया हैं।