मंत्री उदय सामंत व राज ठाकरे (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मराठी पर अपना अड़ियल रुख दोहराते हुए कहा कि महाराष्ट्र में मराठी बोली जानी चाहिए और यह भी जांचा जाना चाहिए कि बैंकों में भी मराठी बोली जाती है या नहीं। इसके बाद मनसे के कार्यकर्ताओं ने आक्रामक रुख अपना लिया और कई जगहों पर मारपीट और धमकाने के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बारे में चेतावनी दी थी। मराठी मुद्दे पर जहां मनसे आक्रामक है, वहीं महायुति मंत्री और शिवसेना शिंदे गुट के नेता उदय सामंत ने आज फिर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे से मुलाकात की।
इस बैठक के बाद मंत्री सामंत ने कहा कि मराठी मुद्दे पर राज से मुलाकात की। राज ठाकरे के साथ कुछ स्थानों पर मराठी भाषियों के साथ हो रहे अन्याय के बारे में चर्चा हुई। उदय सामंत ने कहा कि राज ठाकरे का रुख यह है कि हमारी भाषा का सम्मान उसी तरह किया जाना चाहिए जैसे हम अन्य भाषाओं का सम्मान करते हैं, और हमारा रुख भी यही है। उदय सामंत ने बताया कि बैठक में यह तय किया जाएगा कि अगर कोई मराठी के संबंध में गलती करता है तो क्या करना चाहिए।
उदय सामंत ने कहा मराठी भाषा मंत्री के रूप में राज ठाकरे ने मुझे महाराष्ट्र में मराठी के संबंध में चल रहे घटनाक्रम के बारे में बात करने के लिए बुलाया था। जब मैं यहां आया तो मैंने उपमुख्मंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे को इसकी जानकारी दी और उनकी अनुमति ली।
मंत्री ने बताया कि राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में बैंकों और संस्थानों में होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं, जहां मराठी को लेकर निर्णय लिए जाते हैं। उन्होंने ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे से बात करेंगे और देखेंगे कि क्या सुधार किए जा सकते हैं।
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यह राज ठाकरे और हमारी भूमिका है कि हम अपनी भाषा का उसी तरह सम्मान करें, जिस तरह हम अन्य भाषाओं का सम्मान करते हैं। हर किसी को मराठी भाषा सीखनी चाहिए। सामंत ने कहा कि वह राज्य की सभी समितियों की बैठक बुलाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका लेन-देन मराठी में हो और तय किया जाएगा कि क्या कार्रवाई की जा सकती है।