ठाणे अदालत ने पति को सुनाई उम्रकैद (pic credit; social media)
Thane Crime News: एक खौफनाक घरेलू हिंसा के मामले में ठाणे की अदालत ने पति को पत्नी और बेटे पर जानलेवा हमला करने के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई है। ये घटना न सिर्फ अमानवीय है बल्कि उस रिश्ते पर भी सवाल उठाती है, जिसे सबसे सुरक्षित माना जाता है पति और पत्नी का रिश्ता।
अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश जी. जी. भंसाली की अदालत ने आरोपी प्रमोद कान्हा पाटिल को दोषी ठहराते हुए कहा कि उसकी पत्नी वैजयंती पाटिल को लगी चोटें किसी रसोई रैक पर गिरने से नहीं, बल्कि धारदार हथियार से किए गए बेरहम वारों का नतीजा थीं।
मामला 26 अक्टूबर 2019 का है, जब आरोपी ने अपने घर में पत्नी पर दरांती से ताबड़तोड़ वार कर दिए। वैजयंती गंभीर रूप से घायल हुईं और 40 दिनों तक बेहोश रहीं। उनके शरीर पर 28 जगह चोट के निशान पाए गए। घटना के वक्त उनका बेटा पृथ्वी अपनी मां को बचाने के लिए दौड़ा तो आरोपी ने उस पर भी वार कर दिया, जिससे उसके सिर और हाथ में चोटें आईं।
अदालत में अतिरिक्त लोक अभियोजक आर. डब्ल्यू. पांडे ने बताया कि यह हमला पूर्वनियोजित नहीं था, लेकिन आरोपी का क्रोध इस हद तक बढ़ गया था कि उसने अपनी पत्नी को मौत के घाट उतारने की नीयत से हमला किया। डॉक्टरों की रिपोर्ट और फोरेंसिक साक्ष्य ने साफ किया कि यह हमला बेहद क्रूरता से किया गया था।
जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी के घर से खून से सनी दरांती बरामद की। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं, जिससे यह साबित होता है कि उसने जानबूझकर यह अपराध किया।
अदालत ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कहा कि यह अपराध समाज के लिए एक सबक है कि घरेलू हिंसा की कोई जगह नहीं है। साथ ही अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि “पीड़िता की बहादुरी सराहनीय है, जिसने मौत से लड़कर न्याय की राह तकलीफों के बावजूद पूरी की।” इस फैसले के बाद पीड़िता के बेटे पृथ्वी ने कहा कि “मां ने बहुत कुछ सहा है, अब कम से कम उन्हें इंसाफ मिल गया।”