
मीरा-भाईंदर में महायुति या महासंग्राम!
Mira Bhayandar Civic Polls: मनपा चुनाव की रणभेरी बजते ही सियासी शतरंज पर चालें तेज हो गई हैं। भाजपा-शिवसेना के बीच संभावित महायुति को लेकर चल रही खींचतान के बीच महाराष्ट्र सरकार के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने बड़ा सियासी दांव चलते हुए भाजपा विधायक नरेंद्र मेहता को 24 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया है।
रविवार को आयोजित पत्रकार परिषद में सरनाईक ने दो टूक कहा, “जब राज्य में महायुति है, तो मीरा-भाईंदर में क्यों नहीं?” उन्होंने स्पष्ट किया कि ठाणे की तर्ज पर मीरा-भाईंदर में भी गठबंधन का फॉर्मूला तय होना चाहिए। ठाणे में शिवसेना बड़े भाई की भूमिका में होने के बावजूद उसने कई सीटें भाजपा को दी हैं, इसलिए मीरा-भाईंदर में भाजपा बड़े भाई की भूमिका निभाए।यही संतुलन का फॉर्मूला है।
सरनाईक ने खुलासा किया कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र चव्हाण द्वारा गठित समन्वय समिति के तहत हुई बैठक में उन्होंने महायुति का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने बताया कि शिवसेना ने 2017 के मनपा चुनाव में जीती गई 22 सीटों और प्रत्येक प्रभाग के पैनल में एक सीट की मांग की थी, जबकि भाजपा केवल 13 सीटें देने पर अड़ी हुई है।
टाउन पार्क (शिवार गार्डन) को लेकर भाजपा के हमलों का जवाब देते हुए सरनाईक ने पुराने प्रस्तावों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि 3 अगस्त 2004 को पारित प्रस्ताव में सूचक तत्कालीन नगरसेवक मोहन पाटील और अनुमोदक नरेंद्र मेहता स्वयं थे। इसी तरह 18 मई 2006 के एक अन्य प्रस्ताव में सूचक हेरल बोर्जिस और अनुमोदक परशुराम पाटील थे। वर्तमान में हेरल बोर्जिस मेहता के साथ हैं। सरनाईक ने कहा कि महायुति की बातचीत ऐसे मुद्दों पर नहीं होती और इस तरह की शर्तें गठबंधन में बाधक बनती हैं।
कार्यकर्ताओं की अदला-बदली पर सरनाईक ने स्पष्ट कहा कि यदि मेहता उनके चार नगरसेवकों को लौटाते हैं, तो शिवसेना भी भाजपा के पदाधिकारियों को लौटा देगी। वोट बैंक को लेकर मेहता के दावों को खारिज करते हुए सरनाईक ने आंकड़े भी पेश किए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में मतदाताओं की संख्या 5,93,336 थी, जो अब बढ़कर 8,19,153 हो गई है। 2017 में भाजपा के 61 नगरसेवक होने के बावजूद 2019 के चुनाव में मेहता निर्दलीय उम्मीदवार से हार गए थे, जबकि सरनाईक ने बड़ी जीत दर्ज की थी। इससे स्पष्ट होता है कि शिवसेना का जनाधार भी मजबूत हुआ है।
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अंत में सरनाईक ने कहा कि नामांकन में अब केवल दो दिन शेष हैं और उन्हें शिवसेना से चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों को जवाब देना है। यदि भाजपा स्वबल पर चुनाव लड़ना चाहती है, तो शिवसेना भी पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरेगी। उन्होंने भाजपा विधायक नरेंद्र मेहता से 24 घंटे के भीतर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। अब सबकी नजरें अगले 24 घंटों पर टिकी हैं। क्या मीरा-भाईंदर में महायुति बनेगी या भाजपा और शिवसेना के बीच सीधा सियासी महासंग्राम होगा?






