
कल्याण डोंबिवली मनपा (सौ. सोशल मीडिया )
Kalyan News In Hindi: कल्याण-डोंबिवली महानगर पालिका चुनावों की सरगर्मी तेज होते ही सत्ताधारी शिवसेना (शिंदे गुट) के भीतर ही असंतोष की चिंगारी भड़कती नजर आ रही है।
मनसे से आए कौस्तुभ और कस्तूरी देसाई दंपति के शिवसेना में प्रवेश ने पार्टी के निष्ठावान पदाधिकारियों और लंबे समय से मेहनत कर रहे कार्यकर्ताओं को असहज कर दिया है।
जिससे पार्टी का अंतर्कलह मुखर हो गया है। पार्टी के भीतर चचर्चा है कि यदि देसाई दंपति को आगामी केडीएमसी चुनाव में टिकट दिया गया, तो वर्षों से संगठन के लिए काम कर रहे अनुभवी इच्छुक उम्मीदवारों को उनके लिए काम करना पड़ेगा। यही आशंका नाराजगी का बड़ा कारण बनती जा रही है।
शिंदे गुट के पदाधिकारी सूरज खानविलकर ने खुलकर चेतावनी देते हुए कहा कि इस फैसले से खफा कार्यकर्ता किसी भी समय भाजपा का दामन थाम सकते हैं, जिससे चुनावी समीकरण बिगड़ सकता है।
ठाणे जिला शिवसेना (शिंदे गुट) का मजबूत गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार पहली बार पैनल पद्धति से होने जा रहे चुनावों ने राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया है। सत्ता में होने का लाभ उठाने के लिए विभिन्न दलों के इच्छुक उम्मीदवार सुविधानुसार सत्ताधारी दलों का रुख कर रहे हैं। कल्याण डोंबिवली में लंबे समय से शिवसेना-भाजपा की सत्ता रहने के कारण नगरसेवक पद के दावेदारों के लिए यही गठबंधन प्रमुख विकल्प बन गया है।
वर्षों से काम करने वालों को कैसे मिलेगा मौका
ये भी पढ़ें :- Bhiwandi MNC Election: 7 चुनाव निर्णय अधिकारी नियुक्त, 7 कार्यालय शुरू
हालांकि कल्याण में शिंदे गुट के पक्ष में माहौल माना जा रहा है, लेकिन स्वयं एकनाथ शिंदे द्वारा अन्य दल से आए नेताओं को हरी झंडी दिए जाने से उन पदाधिकारियों में नाराजगी बढ़ी है, जिन्होंने उद्धव ठाकरे से अलग होने के बाद शिंदे का साथ दिया था। अब देखना होगा कि यह अंदरूनी असंतोष चुनावी रणनीति को कितना प्रभावित करता है और क्या शिंदे गुट नहीं। समय रहते अपने नाराज कार्यकर्ताओं को साथ पाता है या नहीं।






