बंबई उच्च न्यायालय (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: पिछले वर्ष अगस्त में महाराष्ट्र में ठाणे जिले के बदलापुर में एक स्कूल के शौचालय में एक कर्मचारी ने 4 और 5 वर्ष की दो बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न किया था। आरोपी को मामला सामने आने के बाद गिरफ्तार कर किया गया। आरोपी अक्षय को तलोजा जेल से अपने साथ लेकर जा रही थी तब आरोपी ने पुलिस की रिवॉल्वर छीनकर पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। इसके बाद जवाब में पुलिस को कार्रवाई की और आरोपी को मार गिराया गया।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने इस मामले की जांच की और आरोपपत्र दाखिल किया। बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि पिछले वर्ष के बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई तेजी से होनी चाहिए, क्योंकि पीड़ित लड़कियां बहुत छोटी हैं।
बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (पोक्सो) के प्रावधानों के तहत यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट करने में विफल रहने को लेकर आराेपी, स्कूल के प्रधानाध्यापक और उसके प्रबंधन के दो सदस्यों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था।
बंबई उच्च न्यायालय ने इस घटना का स्वतः संज्ञान तब लिया जब यह सामने आया कि स्थानीय बदलापुर पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए त्वरित कार्रवाई नहीं की। सोमवार यानी 13 जनवरी को सरकारी वकील हितेन वेंगांवकर ने न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ को बताया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है, आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है और अब मुकदमा चलेगा।
हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले को तेजी से निपटाया जाना चाहिए क्योंकि पीड़ित बच्चियां बहुत छोटी उम्र की हैं। पीठ ने कहा कि जैसा कि पोक्सो कानून अधिनियम में व्यवस्था दी गई है, उसके हिसाब से पीड़िताओं के परीक्षण के समय एक महिला वकील को उपस्थित रहना होगा। वकील वेंगांवकर ने कहा कि मामले में विशेष सरकारी वकील की सहायता के लिए एक महिला अभियोजक नियुक्त की गई है।
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हाई कोर्ट की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को तय की है। तब अभियोजन पक्ष को मुकदमे के चरण के बारे में बताना होगा। 20 जनवरी को उच्च न्यायालय आरोपी के पिता की इस याचिका पर भी सुनवाई करेगा कि कि उनके बेटे की पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर दी।